देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति के संबंध में बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएमजीएसवाई एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसको समयबद्ध तरीके से पूर्ण करना होगा। इसके लिए आवश्यक पदों को शीघ्र भरा जाए। साथ ही वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में भी तेजी लायी जाए। वन भूमि हस्तांतरण में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों एवं वन संरक्षकों को लगातार समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। जिलाधिकारी एवं वनसंरक्षकों के बीच हर 15 दिन के अन्दर बैठक होनी चाहिए। सड़कों के डामरीकरण के बाद उनके रख-रखाव के लिए महिला मंगल दल एवं स्थानीय दलों का सहयोग लिया जाए। इसमें सड़कों के किनारे पौधारोपण को भी जोड़ा जाए। इसके लिए नैपियर एवं खसखस आदि के वृक्षों के रोपण पर बल दिया जाए। इससे भूमि कटाव रुक सकेगा। नालियों एवं कलवर्ट की सफाई के साथ साथ झाड़ियों के कटान पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले पुलों में नई तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लगी सभी निर्माण एजेंसियों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करना होगा, तभी इस लक्ष्य को समय पर पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के अवशेष लक्ष्यों को वर्ष 2019 तक पूर्ण करने के लिए अन्य निर्माण एंजेंसियों जैसे केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग आदि से भी सहयोग लिया जाए।
बैठक में बताया गया कि योजनारम्भ से फेस 13 तक कुल 1314 कार्य (जिसमें 1196 मार्ग एवं 118 सेतु सम्मिलित हैं) स्वीकृत किए गए थे। इसकी कुल लंबाई 10263 किलोमीटर है। इसमें से 30 जून 2017 तक 969 कार्यों (8058 किलोमीटर का कार्य जिसमें 875 मार्ग 94 सेतु सम्मिलित हैं) को पूर्ण कर लिया गया है। 1 जुलाई 2017 तक अवशेष कार्य 345 हैं, जिसमें 321 मार्ग एवं 24 सेतु (कुल लंबाई 2205 किलोमीटर) सम्मिलित हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार एवं सीईओ पीएमजीएसवाई श्री राघव लंगर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।