नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सतत व स्वच्छ शहरी मोबिलिटी के लिए योजना निर्माण व डिजाइन बनाने में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वे आज हैदराबाद में आयोजित 10 वें शहरी मोबिलिटी भारत सम्मेलन व प्रदर्शनी, 2017 और सीओडिएटीयू-2017 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। केन्द्रीय आवास व शहरी मामले मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री श्री मोहम्मद महबूब अली, सीओडीएटीयू, फ्रांस के अध्यक्ष श्री डोमिनिक बुसेरेयू, फ्रांस के भारत में राजदूत श्री एलेम्जेंडर जीएगलर और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि शहरीकरण 21 वीं शताब्दी की एक वास्तविकता है। इस शताब्दी को शहरी शताब्दी भी कहते हैं। उन्होने कहा कि 2011 की जनगणना स्पष्ट रूप से बताती है कि भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और प्रत्येक तीसरा व्यक्ति शहर का निवासी है। शहरीकरण के वर्तमान पैटर्न, शहरी मोबिलिटी प्रणाली के समक्ष नई चुनौतियाँ पेश कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शहरी परिवहन पूरे विश्व की 25 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। यह शहर की स्थानीय हवा और ध्वनि प्रदूषण के लिए भी उत्तरदायी है जो लोगों को अस्वस्थ बनाते हैं। शहरी परिवहन व्यवस्था से ट्रैफिक की भीड़-भाड़ होती है जिससे यात्रियों व परिवहन संचालकों को आर्थिक क्षति होती है और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वाहनों की बढती संख्या से ट्रैफिक की भीड़-भाड़ व प्रदूषण बढ़ता है तथा यात्रा अवधि लम्बी हो जाती है। उन्होंने प्रसिद्ध अमरीकी शहरी वास्तुविद और इतिहासकार लेविस मैमफोर्ट के कथन का उल्लेख किया, ‘भीड़-भाड़ से बचने के लिए अधिक संख्या में सड़को का निर्माण ठीक वैसा ही है जैसे एक मोटा व्यक्ति अपने मोटापे से बचने के लिए अपना बेल्ट ढीला करता है।’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने कई शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के विकास में बहुत उन्नति की है। उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल कई शहरों में तेजी से विकसित हुआ है और दिल्ली इसमें सबसे आगे है। कई शहरों में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके तहत 250 किलोमीटर की दूरी तक का संचालन किया जा रहा है तथा और 250 किलोमीटर दूरी के लिए बीआरटीएस व्यवस्था निर्माण के अधीन है। उन्होंने एनरिक पेनेलोसा का उल्लेख किया जो बोगोटा के मेयर हैं। पेनेलोसा ने कहा है, ‘विकसित राष्ट्र वह नहीं है जहाँ गरीब कार का इस्तेमाल करते हैं, बल्कि वह है जहाँ अमीर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करते है।’
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि गैर-मोटर आधारित परिवहन व्यवस्था जैसे पैदल चलना या साईकल की सवारी करना न केवल अंतिम बिन्दु तक जोड़ती है बल्कि इससे स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। सतत मोबिलिटी के लिए पैदल चलने और साईकल की सवारी करने को प्रोत्साहन देना महत्त्वपूर्ण है।
स्वस्थ जीवन शैली, मधुमेह व मोटापे से लड़ने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अधिक पैदल पथों और साईकल पथों की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना के लिए तेलंगाना सरकार को बधाई देते हुए कहा कि पूरी होने के बाद यह विश्व की सबसे बड़ी परियोजना होगी जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत निर्मित किया गया है। उन्होंने उन सभी को शुभकामनाएं दी जो शहरी क्षेत्रों में बेहतर मोबिलिटी प्रणाली निर्माण के लिए प्रयासरत हैं।