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सब्जियों व फलों की संरक्षित खेती करने की उद्यान विभाग ने किसानों को दी सलाह

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: देश में सब्जियों की कम उत्पादकता का मुख्य कारण यह है कि सब्जियों की खेती खुले वातावरण में की जाती है तथा सब्जी उत्पादन में कृषक अभी भी परम्परागत विधियों का प्रयोग करते हैं। खुले वातावरण में अनेक प्रकार के जीवित तथा अजीवित कारकों की वजह से फसल को नुकसान पहुँचता है, जिससे सब्जियों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता प्रभावित होती है।

    उ0प्र0 के उद्यान निदेशक श्री एस.पी. जोशी ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि संरक्षित खेती करके कृषक सब्जियों की उत्पादकता तथा गुणवत्ता में वृद्धि कर सकते हैं। साथ ही साथ जीवित व अजीवित कारक अधिक क्षति भी नहीं पहुँचा पाते हैं। प्रतिकूल वातावरण तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में सब्जियों की अच्छी उपज होने के लिए संरक्षित खेती सबसे उपयुक्त है। संरक्षित खेती जैसे पाली हाउस, ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस इत्यादि को अपनाकर कम क्षेत्रफल तथा कम लागत में कृषक सब्जियेां की अच्छी, गुणवत्तायुक्त पैदावार ले सकते हैं। संरक्षित स्ट्रक्चर में खेती कृषकों के लिए अधिक आय को अर्जित करने का एक अवसर प्रदान करता है।

    ग्रीन हाउस में खेती का फायदा यह है कि उत्पादन तीन से पांच गुना तक बढ़ जाता है तथा लम्बे समय तक सब्जियों की पैदावार होती रहती है। महानगरों एवं बड़े शहरों के आसपास संरक्षित खेती करके रोजगार के अधिक अवसर सृजित किये जा सकते हैं। संरक्षित खेती विभिन्न प्रकार के जलवायु के लिए उपयोगी है।

    श्री जोशी ने बताया कि संरक्षित खेती के लिए कृषकों को इसमें अपनाई जाने वाली तकनीकी एवं विधि की भरपूर जानकारी होनी चाहिए, इसके बाद ही वह चयन कर सकेंगे कि किस प्रकार की फसल उगाना उनके लिए उपयुक्त होगा।

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