देहरादून: प्रदेश के परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने विधान सभा स्थित अपने कक्ष में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा की।
उन्होंने गत वर्ष विभिन्न योजनाओं में समाज कल्याण विभाग द्वारा लैप्स 85 करोड़ की धनराशि का उपयोग न करने को गम्भीरता से लेते हुए भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी दी। उन्होंने कक्षा 01 से 08 तक के छात्रों को गत वर्ष प्राविधानित 29.39 करोड़ के विपरीत अवमुक्त कम 9.97 करोड़ की धनराशि के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए को देय धनराशि दिलाने के निर्देश विभागीय दिये। उन्होंने कहा प्राविधानित धनराशि के विपरीत तिहाई अंश जारी करा पाना जाना अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है।
समाज कल्याण मंत्री श्री आर्य ने समाज कल्याण की योजनाओं को जनता तथा गरीबों के कल्याण की योजनाओं की संज्ञा देते हुए अधिकारियों से एक सेवा भाव कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि योजनाओं के शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु विधानसभावार हर माह बहुउद्देश्यीय समाज कल्याण शिविर लगाये जायें। तथा पेन्शन, विकलांग प्रमाण पत्र देने आदि अन्य योजनाओं का लाभ शिविर में पात्रों को शतप्रतिशत दिलाया जाये। उन्होंने कहा, कि शिविर लगाने में दूरस्थ ईलाकों को प्राथमिकता दी जायें, तथा सम्बन्धित विधायक, सदस्य जिला पंचायत, क्षेत्रपंचायत, प्रधान एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जायें। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण के अन्तर्गत ज्यादातर योजनाऐं शतप्रतिशत केन्द्रांश पर आधारित हैं, जिसका लाभ अधिक से अधिक लिया जाना चाहिए। उन्होंने भारत सरकार को भेजने वाले प्रस्तावों को समय पर भेजने के निर्देश दिये तथा अधिकारियोंसे कार्य संस्कृति को बदलने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सेवाभाव से समाज कल्याण की जन कल्याणकारी लगभग 112 योजनाओं द्वारा अनुसूची जाति एवं जनजाति के सदस्यों को लाभ दिलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिविर में विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व में दिये गये आदेश पर अद्यतन जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी कार्मिक को बख्सा न जाये, तथा अच्छे कार्य करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत किया जाये। उन्होंने पात्रों को पारदर्शिता से पेन्शन, अन्य सहायताएं आॅनलाइन उपलब्ध कराने के लिए योग्य एवं दक्ष कम्प्यूटर कार्मिकों की नियुक्ति करने के निर्देश दिये। उन्होंने विभाग में रिक्त अपर समाज कल्याण अधिकारी की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कराने तथा जिला समाज कल्याण अधिकारियों के रिक्त 11 पदों पर लोक सेवा आयोग को भेजे गये अधियाचन पर लगातार परश्यू करते रहने के निर्देश दिये।
समाज कल्याण मंत्री ने राज्य आश्रम पद्धति विद्यालयों की अद्यतन प्रगति संकलन के लिए एक अधिकारी तैनात करने के निर्देश देते हुए, सम्बन्धित रिपोर्ट 15 दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये, जिसमें वर्तमान में विद्यालयों की उपयोगिता तथा सम्भावित आवश्यकता पर भी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के प्रशिक्षण हेतु चकराता(देहरादून) गूलरभोज, खटीमा(ऊधमसिंह नगर) में अवस्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों मंे प्रशिणार्थियों की संख्या तथा अद्यतन स्थिति पर जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इन संस्थानों में संचालित अनुपयोगी प्रशिक्षण यथा कटिंग टेलरिंग, रेडियों मैकेनिक आदि ट्रेडों को बन्द करने तथा उपयोगी ट्रेडों यथा इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकनिक जैसे रोजगारपरक प्रशिक्षकों को संचालित करने के निर्देश दिये गये तथा संस्थानों में वाचनालय हेतु धनराशि स्वीकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा यथा डाॅक्टरी, इंजीनियरिंग, एम0बी0ए0 आदि में प्रवेश दिलाने के लिए निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी से गुणवत्तायुक्त कोचिंग सेन्टर चयन कर अध्यक्षता में प्रस्तावित करने के निर्देश दिये। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अधिनस्थ संचालित आश्रम पद्धति, एकलव्य विद्यालय एवं आई0टी0आई0 में अधिकारियों का निरन्तर भ्रमण बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने केन्द्र पोषित अनेक योजनाओं यथा सड़क, विद्यालय, आई0टी0आई0 से सम्बन्धित प्रस्ताव क्षेत्रीय विधायकों से संकलित कराने के निर्देश किये तथा प्राप्त प्रस्तावों को केन्द्र को यथा समय उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये। उन्होंने आगामी कैबिनेट की बैठक में विभागीय नियमावली लाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में अपर सचिव समाज कल्याण वी षणमुगम, प्रबन्ध निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एवं बहुउद्देशीय निगम धीरेन्द्र सिंह दताल, संयुक्त निदेशक योगेन्द्र रावत सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।