लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री भवन में
समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के साथ-साथ इस विभाग की कार्य प्रणाली के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण देखा। उन्होंने कहा कि इसके तहत लागू की जा रही योजनाओं से लाभान्वित किए जा रहे लाभार्थियों का सत्यापन किया जाए। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को केन्द्रीय योजनाओं से जोड़ दिया जाए, ताकि इनमें धन की कमी आड़े न आए और ये सुचारु और प्रभावी रूप से क्रियान्वित की जा सकें।
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं जैसे-वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना, राज्य पेंशन योजना इत्यादि के विषय में जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने विधवा, दिव्यांगजन तथा वृद्धावस्था पेंशन के तहत उपलब्ध करायी जा रही 500 रुपए प्रतिमाह की धनराशि को दोगुना करने के सम्बन्ध में गहन समीक्षा करने के उपरान्त कैबिनेट में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने पिछली सरकार द्वारा संचालित समाजवादी पेंशन योजना को रोकते हुए इसके तहत पात्रता की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह पता लगाया जाए कि जिन लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, वे इसके पात्र हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ पात्रों को ही दिया जाए। उन्होंने इस जांच को एक महीने में पूरा करने के निर्देश दिए। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री पेंशन योजना करने का प्रस्ताव प्रस्तुतिकरण के दौरान दिया गया। इस योजना के तहत अति दलित जैसे-मुसहर, नट, कंजड़ आदि तथा बनटांगियां समुदाय के व्यक्तियों को शामिल करते हुए, उन्हें लाभान्वित करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने पेंशन दिवस मनाने के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जतायी।
श्री योगी ने अनुसूचित जाति की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान योजना के तहत पात्रता के विषय में जानकारी लेते हुए कहा कि इस योजना को सामूहिक विवाह योजना के रूप में लागू किए जाने की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे गरीब कन्याओं का दहेजरहित विवाह हो सकेगा और दहेज रूपी कुप्रथा के विरुद्ध काम करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह करने पर खर्च भी कम होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम कन्यादान योजना रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं को भारत सरकार की योजनाओं से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि इससे केन्द्र सरकार से धन मिलने मंे आसानी होगी और इन्हें लागू करने में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए लागू पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना की कमियों को दूर करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें व्याप्त गड़बड़ियों को दूर कर, इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस योजना के सम्बन्ध में कोई शिकायत न मिले। उन्होंने इस योजना के तहत विमुक्त जातियों जैसे-भर, कोरी इत्यादि को लाभान्वित करने की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू पूर्वदशम छात्रवृत्ति की कमियों को भी दूर करते हुए प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू दशमोत्तर छात्रवृत्तियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने प्रचलित छात्रवृत्ति नियमावली में संशोधन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्ष 2017-18 हेतु छात्रवृत्ति मास्टर डाटा को अपडेट करने के भी निर्देश दिए।
श्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अत्याचार उत्पीड़न के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता देने से पहले यह सुनिश्चित की लिया जाए कि इसका दुरुपयोग न होने पाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित की मदद चार्जशीट के बाद समयबद्ध ढंग से की जाए।
मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों तथा छात्रावासों के विषय में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इनका संचालन भली-भांति किया जाए और इनकी व्यवस्था दुरुस्त की जाए। यहां पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए, ताकि विद्यार्थी पूरे मनोयोग से अध्ययन करते हुए आगे बढ़ सकंे। उन्होंने इनकी कार्य प्रणाली की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावासों के संचालन की स्थिति का भौतिक सत्यापन करने के भी निर्देश दिए।
श्री योगी ने थारू जनजाति तथा सोनभद्र सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में निवास कर रही अनुसूचित जनजातियों के सम्बन्ध में एक विशेष कल्याण योजना बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई इत्यादि की व्यवस्था की जाए। मौके पर जाकर स्थिति का आकलन किया जाए, ताकि इन्हें हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित उत्तर प्रदेश सामाजिक आयोग के गठन पर विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा निर्गत कल्याण कार्ड में समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदत्त सुविधाओं के अंकन के सम्बन्ध में कहा कि इसे बी0पी0एल0 कार्ड से जोड़ते हुए इसका लाभ लाभार्थियों को दिया जाएगा।
श्री योगी ने 100 दिन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में मौजूद वृद्धाश्रमों की व्यवस्था ठीक की जाए। जहां पर परिवार मौजूद है, ऐसी दशा में माँ-बाप को पेंशन योजना के तहत आच्छादित कर लाभान्वित किया जाए, ताकि वे अपने परिवार के साथ ही रह सकें और उन्हें वृद्धाश्रम जाने की आवश्यकता न पड़े। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति असहाय हैं, उन्हें वृद्धाश्रम मंे रखा जाए, उनका सत्यापन भी किया जाए। उन्होंने मठ, मन्दिरों में रहकर संस्कृत सीखने वाले विद्यार्थियों के लिए भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं विकास निगम के तहत संचालित योजनाओं को केन्द्र से लिंक करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके तहत योजना बनाते समय सभी मापदण्डों का ध्यान रखा जाए। सैनिक कल्याण के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की हर माह बैठक की जाए। मद्यनिषेध के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि विभाग अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वाह करे। जनजाति विकास के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातियों को सर्टिफिकेट प्राप्त करने में बहुत परेशानी होती है, इसे तुरन्त ठीक किया जाए, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि जनजातियों का श्रेणीकरण ठीक से किया जाए। उन्होंने जनजातियों के सम्बन्ध में हर जिले से रिपोर्ट मंगाकर, उनका समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।