लखनऊ: पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपदों को निर्देशित किया गया है कि समाज में कुछ Vigilantes (व्यक्ति/संगठन) गोरक्षा के नाम पर अति उत्साह के कारण कानून को अपने हाथ में ले लेते हैं और पुलिस को ऐसे प्रकरणों की सूचना देने के बजाय स्वयं अनधिकृत रूप से मनमानी कार्यवाही शुरू कर दते हैं। यह पूर्ण रूप से अवैधानिक प्रक्रिया है, जिसके कारण कानून एवं व्यवस्था की समस्याएं उत्पन्न होती है। इस संबंध में निम्न बिन्दु विशेष रूप से अवलोकनीय है –
1-गोकशी के प्रकरणों में -गोकशी के प्रकरणों में गोरक्षक एवं ऐसे संगठनों से जुडे कुछ लोग मौके पर पहंुच कर स्वयं कानून को हाथ में लेकर मारपीट, तोड़फोड़, आगजनी व सड़क जाम आदि करके कानून एवं व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं।
2-दुधारू पशुओं के अवैध परिवहन के संबंध में -दुधारू पशुओं के परिवहन के संबंध में भी इस प्रकार के दृष्टांत सामने आते हैं कि गोरक्षक एवं ऐसे संगठनों से जुड़े कुछ लोग एकत्र होकर वाहन चालक से मारपीट, वाहन में तोड़फोड़ एवं आगजनी कर कानून व्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं।
3-प्रेमी युगल के साथ दुव्र्यवहार -इस प्रकार की घटनाएं प्रकाश में आयी है कि सार्वजनिक स्थल यथा पार्क आदि में बैठे हुए प्रेमी युगल के साथ किसी संगठन विशेष के लोग डवतंसपजल के नाम पर मारपीट व दुव्र्यवहार करते हैं और इस प्रकार कानून अपने हाथ में ले लेते हैं। यह अधिकार किसी भी व्यक्ति/संगठन को प्राप्त नहीं है।
4-धर्मान्तरण के प्रकरण में- कई बार तथाकथित धर्मातन्तरण के प्रकरणों में भी कतिपय टपहपसंदजमे स्वयं अति सतर्क होकर कानून अपने हाथ में लेकर मारपीट, तोड़फोड़ एवं आगजनी जैसी असंवैधानिक कार्यवाही करने लगते हैं जिससे कानून एवं व्यवस्था की विषम परिस्थितियाॅ उत्पन्न हो जाती है।
5-विशेष अवसरों पर- विशेष अवसरों यथा वैलेनटाइन डे पर ऐसे टपहपसंदजमे स्वयं कानून हाथ में लेकर विधिविरूद्ध कार्य करते हुए कानून व्यवस्था को चुनौती देते हैं ।
पुलिस महानिदेशक द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि दुधारू पशुओं के अवैध परिवहन के संबंध में थाना प्रभारियां को जागरूक रहने के साथ साथ अपने अभिसूचना तंत्र को और अधिक सक्रिय किया जाये जिससे दुधारू पशुओं का अवैध परिवहन किसी भी दशा में न होने पाये। टपहपसंदजमे के संबंध में अभिसूचना तंत्र का और अधिक सक्रिय कर पूरी जानकारी एकत्र की जाये तथा उन्हे चिन्हित कर उनके डोजिसर्य बनाये जायें। ऐसे व्यक्तियों/संगठनों से सम्पर्क उन्हें बताया जाये कि इस प्रकार कानून को स्वयं हाथ में लेकर अवैधानिक रूप से कार्यवाही करने का अधिकार प्राप्त नहीं हैं। उक्त व्यक्तियों को दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत पाबंद कराया जाना उचित होगा। टपहपसंदजमे द्वारा कानून का उल्लंघन किया जाता है, तो उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जाये।
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