हरिद्वार: शिक्षा के स्तर को बुलंदियों तक ले जाने और सोशल साइटस के साथ कदमताल करने को शिक्षा विभाग तैयार है। नए सत्रा में शिक्षा विभाग ग्लोबल स्टूडेंट की परिभाषा गढने जा रहा है। जिसमें दुनिया के साथ कदम ताल करने वाले छात्रों को जहां सम्मानित किया जाएगा, वहीं ग्लोबल स्टूडेंट बनने वाले विद्यालयों के प्रधनाचार्यों को भी अब सम्मान मिलेगा। विभाग बाकायदा ग्लोबल स्टूडेंट का तमगा पाने वाले को प्रशस्ति पत्र देगा और गुरुजी भी इस प्रशस्ति पत्र के हकदार होंगे। शिक्षा विभाग पर शिक्षा के स्तर को लेकर तोहमत लगती रहती है, लेकिन अब शिक्षा विभाग के कुछ अध्किारियों की सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा के स्तर को ऊंचा ले जाने के साथ ही निजी स्कूलों से भी मुकाबले की तैयारी है। नवीन शैक्षणिक सत्र में विभाग कुछ अलग अंदाज में नजर आएगा। शिक्षा मंत्री के शपथ ग्रहण के बाद शिक्षा विभाग में परिवर्तन की बयार दिख रही है। अधिकारी भी शिक्षा स्तर को लेकर संजीदा दिखाई दे रहे हैं। इस सत्र में शिक्षा विभाग का मिशन ग्लोबल स्टूडेंट बनाने पर होगा। जिसमें अभी तक की दी जा रही शिक्षा से कहीं और आगे सोचकर विद्यार्थियों को सोशल नेटर्विंग से जोड़ा जाएगा। मकसद यह है कि सरकारी स्कूल का बच्चा भी दुनिया के हर बदलाव के साथ अपने को अग्रणी पंत्ति में खड़ा महसूस कर सके।
प्रार्थना सभा की जगह विद्यालयों में होगी वाचन सभा
एक व्यवस्था यह भी बनाई जा रही कि बोर्ड की परीक्षाओं के समाप्त होते ही प्रधनाचार्य अपने स्कूलों में सप्ताह में दो दिन प्रार्थना सभा के स्थान पर वाचन सभा का आयोजन करेंगे। वाचन सभा में स्कूल में कार्यरत सभी कर्मचारी अध्यापक छात्रों के साथ उपस्थित रहेंगे। जिसमें पुस्तकों से अलग कोई भी पाठ्य सामग्री चाहे अखबार का टुकड़ा हो या कोई और शिक्षाप्रद कहानियों का संकलन हो का वाचन किया जायेगा। अच्छे छात्रों को एक प्रशस्ति पत्र विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा साथ ही जिस स्कूल के विद्यार्थियों को जिले में सबसे अधिक प्रशस्ति पत्र मिलेंगे उस स्कूल के प्रधनाचार्य को भी सम्मानित किया जाएगा।
ये होंगे ग्लोबल स्टूडेंट
ग्लोबल स्टूडेंट वह होगा जो अपना आवेदन पत्र भर सके, बैंक, डाकघर, रेलवे रिजर्वेशन, हवाई जहाज का रिजर्वेशन, साक्षात्कार देने में सक्षम सहित सोशल साइटस की अहम जानकारी रखता हो। ऐसे स्टूडेंट का विद्यालयों में चयन किया जाएगा।
मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार डा. पुष्पा रानी वर्मा ने बताया कि छात्रों के अंदर व्यवहारिकता एवं बाह्य समाज की समझ परख के लिए उन्हें शिक्षित करने के लिए विभाग प्रयासरत है। इस बार के शैक्षणिक सत्र का मिशन ही ग्लोबल स्टूडेंट रहेगा और इसके लिए शिक्षा विभाग कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ेगा।