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सरकार आंकड़ों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सांख्यिकी प्रणाली में सुधार के लिए प्रतिबद्ध: डी.वी. सदानन्‍द गौड़ा

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नई दिल्लीः सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्री श्री डी. वी. सदानन्‍द गौड़ा ने कहा है कि उनकी सरकार आंकड़ों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सांख्यिकी प्रणाली में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय में राज्‍य मंत्री श्री विजय गोयल के साथ मंत्रालय के बजट प्रस्‍तावों के बारे में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान श्री गौड़ा ने कहा कि मंत्रालय का एसडीजी के अन्‍तर्गत उद्देश्‍यों और लक्ष्‍यों की प्रगति की स्थिति की निगरानी के लिए बेसलाइन आंकड़ों पर राष्‍ट्रीय रिपोर्ट तैयार करने का इरादा है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय का वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान अनेक पहल करने का प्रस्‍ताव है ताकि देश के उभरते हुए सामाजिक आर्थिक परिदृश्‍य में आंकड़ों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सांख्यिकी प्रणाली में और सुधार किया जा सके। केन्‍द्रीय बजट 2018-19 में मंत्रालय के लिए 4859 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

मंत्रालय 2 योजनाएं संचालित कर रहा है। इनमें (i) क्षमता विकास (सीडी) योजना और (ii) सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) शामिल है। इसके अलावा मंत्रालय राष्‍ट्रीय महत्‍व के एक संस्‍थान, भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान (आईएसआई) को उसके रोजमर्रा के कामकाज, बुनियादी ढांचा विकास और अनुसंधान/शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अनुदान सहायता प्रदान करता है। 2018-19 में सीडी के लिए 208 करोड़ रुपये, एमपी लैड के लिए 3950 करोड़ रुपये और आईएसआई के लिए 269 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 2016 में आधिकारिक सांख्यिकी के संयुक्‍त राष्‍ट्र मौलिक सिद्धांतों को अपनाया। मंत्रालय इन सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए आधिकारिक सांख्यिकी पर एक राष्‍ट्रीय नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है। 2018-19 के दौरान मंत्रालय द्वारा आधिकारिक सांख्यिकी के लिए राष्‍ट्रीय गुणवत्‍ता गारंटी ढांचा तैयार किया जाएगा।

मंत्रालय अर्थव्‍यवस्‍था और समाज की प्रगति के संबंध में बेहतर समझ बनाने और उसके आकलन के लिए पहले से निर्धारित केलैंडर के अनुसार वृहद अर्थव्‍यवस्‍था के समुच्‍चय के अनुमानों, विभिन्‍न सामाजिक आर्थिक मानदंडों पर आधारित अनुमानों और समय-समय पर अल्‍पकालिक संकेतकों को सामने लाया है ताकि प्रमाण आधारित नीति को बढ़ावा दिया जा सके।

वर्ष 2018-19 के दौरान मंत्रालय का सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी, औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) और उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई) के आधार वर्षों में संशोधन के कदम उठाने का प्रस्‍ताव है ताकि देश के आर्थिक परिदृश्‍य में होने वाले बदलावों को शामिल किया जा सके। जीडीपी और आईआईपी के लिए में आधार वर्ष 2017-18 होगा और सीपीआई के लिए यह 2018 होगा।

मंत्रालय ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण शुरू किया ताकि देश में श्रमबल की स्थिति का आकलन किया जा सके। इस सर्वेक्षण के परिणाम (ग्रामीण और शहरी) सरकारी और गैर सरकारी साझेदारों के लिए 2018-19 में उपलब्‍ध होंगे। मंत्रालय का आंकड़ों के अन्‍तर को दूर करने के लिए और सेवा क्षेत्र और अनौपचारिक क्षेत्र के लिए आंकड़ों के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए नए सर्वेक्षण शुरू करने का प्रस्‍ताव है। मंत्रालय का एक ‘टाइम यूज सर्वे’ शुरू करने का भी प्रस्‍ताव है, जिसमें अन्‍य बातों के अलावा गैर विपणन वाली सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं के योगदान का आकलन किया जाएगा जो अब तक नहीं किया गया है।

सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के अन्‍तर्गत मंत्रालय आंकड़ों को एकत्र करने, उनके संकलन और प्रसार के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का अधिकतम इस्‍तेमाल करेगा। Bottom of Form

मंत्रालय आधिकारिक सांख्यिकी पर एक राष्‍ट्रीय डेटा वेयरहाउस स्‍थापित करने के अंतिम चरण में है। ये डेटा वेयरहाउस आधिकारिक सांख्यिकी कोष के रूप में कार्य करेगा।

राष्‍ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (एनएसएसटीए) को आधिकारिक सांख्यिकी पर एक शीर्ष प्रशिक्षण अकादमी के रूप में स्‍थापित किया गया है, जिससे सांख्यिकी अधिकारियों/केन्‍द्र और राज्‍य/संघ शासित प्रदेशों की सरकारों और अन्‍य देशों, शिक्षाविदो और छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा सके।

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में एनएसएसओ की आंकड़ा संग्रहण मशीन को नए कार्यालय खोलकर अथवा ईटानगर, एजल, इम्‍फाल और अगरतला में वर्तमान कार्यालयों का उन्‍नयन कर मजबूत बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री की 2022 तक नए भारत की कल्‍पना के अनुरूप सरकार ने 115 पहचाने हुए पिछड़े जिलों में तेजी से बदलाव के लक्ष्‍य को हासिल करने में केन्‍द्र और राज्‍यों के प्रयासों के साथ समन्‍वय स्‍थापित करने के लिए प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की है। सरकार द्वारा विस्‍तृत डेटा बेस और एक प्रभावी फीडबैक तंत्र स्‍थापित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सीएसओ और एनएसएसओ उन मानदंडों की पहचान कर रहा है, जिन पर 115 जिलों के लिए आंकड़े समय-समय पर प्रदान किए जा सकें।

मंत्रालय निरंतर विकास के लक्ष्‍य की निगरानी की संरचना तैयार करने के लिए शीर्ष एजेंसी है। 2018-19 के दौरान मंत्रालय एसडीजी के अन्तर्गत उद्देश्यों और लक्ष्यों की प्रगति की स्थिति की निगरानी के लिए बेसलाइन आंकड़ों पर राष्ट्रीय रिपोर्ट तैयार करेगा।

साझेदारों की सलाह/फीडबैक के आधार पर बदलती जरूरतों के अनुसार एमपी लैड के बारे में दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है। इन संशोधनों का उद्देश्‍य इसक डिजाइन में सुधार तथा योजना के कार्यान्‍वयन तथा सरकारी निधि का अधिकतम इस्‍तेमाल करना है। मंत्रालय में सभी साझेदारों के इस्‍तेमाल के लिए एक नया एकीकृत एमपी लैड पोर्टल तैयार किया है ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और ना‍गरिकों को योजनाओं के कार्यान्‍वयन से अवगत कराया जा सके।

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