नई दिल्ली: सरकार ने नीतिगत दर और नीतिगत रुख को अपरिवर्तित रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय पर संज्ञान लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपना चौथा द्विमासिक मौद्रिक नीति विवरण जारी करने के संदर्भ में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बयान का पाठ इस प्रकार है –
“हमने यह पाया है कि एमपीसी द्वारा यह निर्णय अंतर्निहित विश्लेषण के आलोक में लिया गया है जिसका अर्थ है : (i) 2017-18 के लिए वास्तविक जीवीए वृद्धि में 7.3 प्रतिशत से 6.7 प्रतिशत तक की गिरावट का पूर्वानुमान लगाया गया है, इससे उत्पादन अंतर को और बढ़ावा मिलेगा; और (ii) वर्ष की दूसरी छमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि के संशोधन का अनुमान व्यक्त किया गया है जिसका अर्थ है कि वर्ष 2017-18 के लिए कुल मिलाकर 4 प्रतिशत से भी कम औसत मुद्रास्फीति रहना।
सरकार बी2बी एनबीएफसी वित्तीय नियमों को अंतिम रूप देने के लिए संस्थागत निर्माण पहलों का भी स्वागत करती है जिससे छोटी कंपनियों के लिए वित्तपोषण में सुधार आएगा और इससे स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य उपायों द्वारा बोलियों के एकत्रीकरण के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी बढ़ेगी।”
12 comments