16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सरकार श्रम सुधारों के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है: श्री बंडारू दत्‍तात्रेय

असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाया जायेगा: श्री बंडारू दत्तात्रेय
देश-विदेश

नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार राज्‍य मंत्री श्री बंडारू दत्‍तात्रेय ने नई दिल्‍ली में पेशेगत सुरक्षा एवं स्‍वास्‍थ्‍य पर इंटरनेशनल विजन जीरो कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्‍मेलन का आयोजन भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कारखाना, सलाह एवं श्रम संस्‍थान महानिदेशालय (DGFASLI) और जर्मन सोशल एक्सिडेंट इंश्‍योरेंस (DGVU),जर्मनी द्वारा अंतर्राष्‍ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ-विनिर्माण, निर्माण एवं खनन के सहयोग से किया जा रहा है।

     इस अवसर पर श्री बंडारू दत्‍तात्रेय ने कहा कि हमारे देश के श्रमबल की पेशेगत सुरक्षा,स्‍वास्‍थ्‍य एवं कामकाज की स्थितियों को निरंतर बेहतर करना श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की प्राथमिकता रहा है। उन्‍होंने कहा कि देश में बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्‍य और वैश्विक स्‍तर पर हुए तकनीकी बदलावों के अनुरूप भारत सरकार श्रम सुधारों की दिशा में गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है, ताकि श्रम मानकों का उच्‍च स्‍तर हासिल किया जा सके। मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर अपने वैश्विक एजेंडे की दिशा में काम करते हुए देश में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है। इन कानूनों पर अमल में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए और ज्‍यादा पारद‍र्शिता सुनिश्चित करते हुए श्रम कानूनों में सुधार किये जा रहे हैं। इस युक्तिकरण प्रक्रिया से कामगारों के कामकाज की स्थितियां बेहतर होंगी और इसके साथ ही निवेशक देश में निवेश के लिए प्रोत्‍साहित होंगे।

     सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए श्रम एवं रोजगार सचिव श्रीमती एम. सत्‍यवती ने कहा कि डीजीएफएएसएलआई द्वारा एकत्रित की गई सूचनाओं के मुताबिक फैक्‍टरी अधिनियम, 1948 के तहत पंजीकृत कारखानों में घातक दुर्घटनाओं में निरंतर कमी देखी जा रही है। वर्ष 2014 में घातक दुर्घटनाओं की संख्‍या 1211 रही, जबकि यह संख्‍या वर्ष 2013 में 1417, वर्ष 2012 में 1383 और वर्ष 2011 में 1433 आंकी गई थी। इसी अवधि के दौरान कारखानों की संख्‍या में बढ़ोतरी होने के बावजूद दुर्घटनाओं की संख्‍या में कमी का रुख देखा जा रहा है। कारखानों की संख्‍या वर्ष 2011 में 325209, वर्ष 2012 में 353684, वर्ष 2013 में 340226 और वर्ष 2014 में 361994 रही। उन्‍होंने कहा कि सभी आर्थिक क्षेत्रों में कार्यरत कामगारों की पेशेगत सुरक्षा एवं स्‍वास्‍थ्‍य (OSH) के लिए सरकार के इरादों और प्रतिबद्धता में वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2009 में कार्यस्‍थल पर सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिदृश्‍य पर राष्‍ट्रीय नीति को अपनाने के बाद इसमें वृद्धि आंकी गई है।

    सम्‍मेलन के दौरान OSH–INOSH एक्‍सपो 2017 पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, ताकि व्‍यक्तिगत सुरक्षात्‍मक उपकरणों (पीपीई), पेशेगत स्‍वास्‍थ्‍य संवर्धन, ज्‍यादा जोखिम के प्रबंधन, पर्यावरणीय संरक्षण प्रौद्योगिकियों पर नये प्रचलनों को एक ही छत के नीचे दर्शाया जा सके। तकनीकी संचार एवं कारोबारी व्‍यापार में सहायता के लिए इस प्रदर्शनी में सर्वाधिक सक्षम प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराया गया है। भारत और यूरोप के लगभग 100 प्रमुख निर्मातागण एवं आपूर्तिकर्ता ‘आईएनओएसएच एक्‍सपो’ में भाग ले रहे हैं।

Related posts

5 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More