नई दिल्लीः अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई)द्वारा आज यहां ‘तकनीकी शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण पहलों’ पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह भी उपस्थित थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य कुलपतियों, अग्रणी शिक्षाविदों तथा राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार के विख्यात नीति निर्माताओं के अनुभवों को साझा करना तथा तकनीकी शिक्षा में मुद्दों और चुनौतियों पर विचारों का आदान प्रदान करना था। इन विख्यात व्यक्तियों से प्राप्त मूल्यवान विचारों से कार्यनीतिक योजना निर्माण तथा एआईसीटीई द्वारा की गई विभिन्न नीतिगत पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। सम्मेलन का मुख्य एजेंडा है :
- गुणवत्ता शिक्षा पर एआईसीटीई पहलों का कार्यान्वयन
- तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) ।।। – कार्य योजना
- मॉडल करीकुलम आरंभ करना तथा कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना
- डिजिटल परिसरों के लिए कार्ययोजना
- एनबीए द्वारा प्रत्यायन – प्रगति एवं कार्ययोजना
- शिक्षक प्रशिक्षण
सम्मेलन के प्रतिभागियों में तकनीकी विश्वविद्यालयों, मानद विश्वविद्यालयों एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्य सरकारों के सचिव एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक, अग्रणी शिक्षाविद, विख्यात शिक्षाविद, जिन्होंने पूर्व स्नातक, स्नातकोत्तर अभियांत्रिकी एवं प्रबंधन विषयों के लिए मॉडल करीकुलम तैयार किया है, शामिल थे। इस सम्मेलन में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग आदि के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया तथा अपने विचार साझा किये।
श्री प्रकाश जावडेकर ने अभियांत्रिकी एवं प्रौदयोगिकी तथा प्रबंधन पाठ्यक्रमों में पूर्व स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों (एमबीए एवं पीजीडीएम) के लिए मॉडल करीकुलम भी जारी किया।
उन्होंने कहा कि सरकार सभी छात्रों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, सर्वश्रेष्ठ अवसंरचना एवं सर्वश्रेष्ठ छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि शिक्षकों में पढाने के प्रति उत्साह होना चाहिए तथा उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रचलन की एक व्यापक रूपरेखा का अनुसरण करना चाहिए।
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