देहरादून: प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में विधान सभा के सभा कक्ष में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
सहकारिता मंत्री ने आगामी 13 से 19 मई, 2017 तक एक सप्ताह का वृहद अन्तर्राज्यीय सहकारी सम्मेलन एवं प्रदर्शिनी आयोजन के निर्देश दिये, जिसमें केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश के पांचों सांसद व मंत्रीगण प्रतिभाग करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारिता विभाग गरीबों के कल्याण के लिए प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा है। उन्होंने सहकारिता में संचालित गरीबों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन में प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सहकारिता के सुदृढ़ीकरण हेतु गांव में संचालित प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति सचिव(कैडर सचिव), विकास खण्ड स्तर पर तैनात अपर विकास अधिकारी (सहकारिता) तथा सहायक निबन्धक सहकारिता एवं मुख्यालय के अधिकारियों के साथ तीन चरणों मंे अलग-अलग बैठक बुलाने के निर्देश दिये। प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति(कैडर सचिव) की बैठक गढ़वाल तथा कुमाऊँ मण्डल में अलग-अलग आयोजित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने उप निबन्धक एवं सहायक निबन्धक(सहकारिता)समस्त बैंक सामान्य प्रबन्धक जिला सहकारी बैंकों, शाखा प्रबन्धकों को सम्बोधित करते हुए कहा, कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों को दण्डित तथा अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरूस्कृत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में कोई दिक्कत आती है, तो सम्बन्धित अधिकारी उनसे सीधे सम्पर्क कर सकता है।
उन्होंने 20 बड़े बकायदारों का विवरण सम्बन्धित बैंक शाखाओं और प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति में प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। डा0 रावत ने सभी बैंक अधिकारियों से माननीय प्रधानमंत्री की संचालित 5 योजनाओं के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पलायन रोकने में सहकारी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि सहकारी बैंकों की पहुँच गांव-गंाव तक है। इसके लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों विशेषकर महिला समूहों को अधिक से अधिक ऋण देकर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने केन्द्र के सहयोग से सहकारिता के माध्यम से पेट्रोल पम्प, गैस एजेंसी तथा व्यवसायिक विविधिकरण आवश्यक व्यवस्थाऐं सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने बैंक अधिकारियों से वित्तीय समावेशन के लिए वित्तीय साक्षरता के निर्देश दिये, जिसमें सहकारी सदस्यों को अधिक से अधिक बैंकिग सुविधा उपलब्ध कराने एवं सहकारी बैंकों एवं समितियों को अधिक से अधिक डिजीटाईजेशन करने के निर्देश दिये, जिसके लिए नाबार्ड द्वारा धन उपलब्ध कराया जाता है। सहकारिता मंत्री ने निबन्धक सहकारी समिति को समस्त सहकारी संस्थाओं व पैक्स में रिक्त पदों पर कार्मिकों की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
बैठक में निबन्धक सहकारी समितियाॅ एवं सचिव सहकारिता विजय ढौंडियाल, उप निबन्धत आनन्द एडी शुल्क, महाप्रबन्धक एन0पी0एस0ढाका सहित सहायक निबन्धकार एवं जिला सहकारी बैंकों के सामान्य प्रबन्धक उपस्थित थे।