लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में संचालित अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों में संस्था के प्रधान (प्रधानाचार्य) और अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन कर संस्था के प्रबन्ध तंत्र द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से की जाने वाली नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।
रिक्त पदों की सीधी भर्ती अब सीधे साक्षात्कार के स्थान पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा चयनित निजी संस्था द्वारा लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। संस्था के प्रधान/प्रवक्ता हेतु 90 अंकों की लिखित परीक्षा तथा 10 अंकों का साक्षात्कार होगा। सहायक अध्यापकों के चयन के लिए केवल 100 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। इसमें साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। स्क्रीनिंग टेस्ट में रिक्त पद के सापेक्ष प्रत्येक पद हेतु श्रेष्ठता के आधार पर 5 चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की जाएगी। चयनित संस्था तैयार सूची को संस्था प्रधान हेतु सम्भागीय संयुक्त शिक्षा निदेशक तथा शिक्षकों हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक को उपलब्ध करायेगा।
सम्भागीय संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा चयनित सूची (पैनल) सम्बन्धित संस्था के प्रबन्धक को इस आशय से उपलब्ध करायी जाएगी कि पैनल में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सम्यक् परीक्षण कर, सम्बन्धित चयन समिति संस्था प्रधान एवं प्रवक्ता पद हेतु चयनित अभ्यर्थियों का 10 अंकों का साक्षात्कार करे। चयन समिति संस्था प्रधान एवं प्रवक्ता पद के लिए लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन करेगी। चयन सूची को सक्षम अधिकारी द्वारा 06 माह के अन्दर अनुमोदन प्रदान करना होगा, ऐसा न करने पर स्वतः अनुमोदित समझा जाएगा।
सहायक अध्यापकों के उपलब्ध कराये गये पैनल में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराये जाने के उपरान्त श्रेष्ठता क्रम के अनुसार प्रबन्धक द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक के अनुमोदन के पश्चात् नियुक्ति की जाएगी।