नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी साइबर स्पेस के बारे में 5वें वैश्विक सम्मेलन का 23 नवम्बर 2017 को उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। सम्मेलन में मंत्री, अधिकारी उद्योगपति और ग्लोबल साइबर इको सिस्टम से जुड़ा शिक्षण समुदाय भाग लेगा।
भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित इस सम्मेलन में साइबर स्पेस से जुड़े क्षेत्र के नामी-गिरामी लोगों का जमावड़ा होगा। सम्मेलन में 3500 प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से भाग लेंगे। भारत और विदेश में रहने वाले लाखों लोग वीडियो कान्फ्रेंस, वेबीनार और वेबकास्ट के जरिए इस सम्मेलन में भाग लेंगे। दिल्ली नहीं पहुंच पाने वाले लोगों को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए दुनिया भर में करीब 800 स्थानों पर जीसीसीएस 2017 से और 2000 स्थानों को वेबीनार से जोड़ा जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने उद्योग, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, शैक्षणिक समुदाय और विचार मंचों की भागीदारी से 40 कार्यक्रम और सत्र आयोजित किए हैं। पिछले 7 महीने से भारत और विदेश के प्रमुख संस्थानों में 3 दर्जन से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें जीसीसीएस 2017 की तैयारी के रूप में क्ष्ोत्र से जुड़े 3000 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। पूर्वावलोकन और प्रमुख कार्यक्रम में 3500 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘‘जैसे-जैसे नवम्बर नजदीक आ रहा है मैं जीसीसीएस 2017 में 3000 से अधिक प्रतिनिधियों का गर्मजोशी स्वागत करने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ।’’
अब तक के सबसे बड़े इस सम्मेलन का मुख्य विषय सभी के लिए साइबर है जिसके चार उप विषय- समग्र विकास के लिए साइबर, डिजीटल समावेश के लिए साइबर, सुरक्षा के लिए साइबर और डिप्लोमेसी के लिए साइबर हैं। सप्ताह की शुरूआत एरोसिटी में 20 नवंबर 2017 को दो दिन के पूर्वावलोकन के साथ होगी। इसमें करीब 1400 साझीदारों के भाग लेने की उम्मीद है।
डिजिटल प्रदर्शनी और तकनीकी पोस्टर प्रतियोगिता 5वें जीसीसीएस के अन्य विशेष आकर्षण होंगे। अब तक विभिन्न देशों के जिन मंत्रियों ने सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है उनमें फ्रांस, नीदरलैंड, इस्राइल, कजाकिस्तान, मैक्सिको, पूर्तगाल, बांग्लादेश और ब्रिटेन शामिल हैं।
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