नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को हाल ही में दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (डीपीआईएफएफ) ने सामाजिक कल्याण के प्रति उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया है। युवराज सिंह ने भारत को अपने प्रदर्शन के दम पर एक – दो बार नहीं बल्कि 3-3 बार विश्वविजेता बनाया है। पहली बार साल 1999 में अंडर-19 टीम को विश्वकप दिलाने में युवराज सिंह का बड़ा योगदान रहा है। तो वहीं दूसरी बार साल 2007 में खेले गये पहले टी 20 विश्वकप के हीरो भी युवराज सिंह ही रहे इसी दौरान उन्होंने 6 गेंद पर 6 छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया। इसके बाद भारत को साल 2011 में विश्वविजेता बनाने में युवराज का बड़ा योगदान रहा युवराज सिंह इस टूर्नामेंट में ‘मैन ऑफ द सीरीज’ भी रहे। हालांकि इसके बाद से उन्होंने कई परेशानियों का सामना किया। कैंसर जैसी बीमारी को मात देते हुए उन्होंने क्रिकेट में वापसी की,लेकिन उनकी वापसी उतनी सफल नहीं रही और वह रन बनाने के लिए जूझते रहे। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण में तो उनका प्रदर्शन और निराशाजनक रहा। वह किंग्स इलेवन पंजाब से खेलते हुए रन बनाने के लिए तरसते रहे।
पूरे टूर्नामेंट के दौरान उनका बल्लेबाजी क्रम बदलता गया और वह टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार