नई दिल्ली: केंद्रीय जनजाति आयोग की आज नई दिल्ली में हुई पूर्ण बैठक में सिक्किम विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 12 से बढाकर 17 करने संबंधित गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी देने समेत कई महत्वपूर्ण फैसले किये गये। सिक्किम विधानसभा में इस समय 32 सदस्य हैं जिसे बढाकर 40 किया जाना है। बढ़ाई जाने वाली आठ में से पांच सीटें लिम्बू एवं तमांग जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी।
आयोग ने यह भी फैसला किया कि जनजातियों पर होने वाले अत्याचारों के मामलों की मौके पर जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल भेजेगा, जो मामलों की जांच कर आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। आयोग ने फैसला किया कि सभी राज्यों को पत्र भेजकर यह जानकारी एकत्र की जाये कि उनके यहां जनजाति कल्याण कार्यक्रमों की ताजा स्थिति क्या है। राज्यों से यह भी कहा जाएगा कि वे अपने यहां गठित आदिम जाति मंत्रणा परिषद की गतिविधियों की भी पूरी जानकारी दें। साथ ही राज्यों से यह भी अनुरोध किया जायेगा कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर केंद्रीय जनजाति आयोग का लिंक भी उपलब्ध कराए, ताकि लोगों को आयेाग की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हो सके।
आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री नंद कुमार साय ने कहा कि आयोग जनजातियों की जमीन गैरकानूनी ढंग से हस्तांतरित करने को लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले से संबंधित विभिन्न मुद्दों का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा। बाद में उस पर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी राज्यों को आमंत्रित कर इस पर व्यापक विमर्श किया जायेगा।
श्री साय ने यह भी कहा कि जो कोई भी अधिकारी जनजाति आयोग के पत्राचार अथवा नोटिस को गंभीरता से नहीं लेगा और तय समय सीमा में समुचित जानकारी उपलब्ध नहीं करायेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। श्री साय ने कहा कि आयोग को प्रभावशाली बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जाएंगे एवं यह सुनिश्चित किया जायेगा कि आयोग के क्रियाकलापों का व्यापक प्रचार प्रसार हो, ताकि आयोग आदिवासी कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। श्री साय ने आयोग के सदस्यों एवं अधिकारियों का आहवान किया कि वे सब एकजुट होकर जनजातियों के कल्याण के लिए व्यक्तिगत निष्ठा से कार्य करें।
बैठक में आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुइया उइके, सदस्य श्री हरि क़ष्ण डामोर, सदस्य हर्षद भाई चुनीलाल वसावा एवं सचिव श्री राघव चंद्रा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
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