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सिडबी अपने सबसे बड़े अंशधारक यथा सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) की कार्य शैली को समझ कर अनूठे ढंग से 2 अप्रैल, 2018 को अपना स्‍थापना दिवस मनाएगा

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नई दिल्ली: भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) अपने सबसे बड़े अंशधारक यथा सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) की कार्य शैली को समझ कर अनूठे ढंग से इस वर्ष 2 अप्रैल, 2018 को अपना स्‍थापना दिवस मनाएगा।

इस पहल के तहत सिडबी के लगभग 175 पदाधिकारी विभिन्‍न क्लस्‍टरों में 23 राज्‍यों और लगभग 80 जिलों को कवर करते हुए देश भर में अपने एमएसई ग्राहकों के यहां दौरे पर जाएंगे। यह दौरा उपभोक्‍ताओं के यहां होने वाले सामान्‍य दौरों से भिन्‍न होगा क्‍योंकि ये पदाधिकारी छोटे उद्यमियों के विशिष्‍ट दिवस को मनाने के लिए उनके साथ समय बिताएंगे और आवश्‍यक अनुमति मिलने पर वे उद्यमियों के आवास पर ठहर भी सकते हैं। इस दौरान ये  पदाधिकारी अपने अंशधारकों अथवा हितधारकों से मुलाकात भी करेंगे, जमीनी स्‍तर पर उद्यमियों की वास्‍तविक चिंताओं को समझने की कोशिश करेंगे और इसके साथ ही संबंधित यूनिट एवं क्षेत्र (सेक्‍टर) का व्‍यावहारिक अनुभव भी हासिल करेंगे, ताकि एमएसएमई की बेहतरी के लिए आवश्‍यक नीतियां तैयार करने में इसका प्रभावकारी ढंग से उपयोग हो सके।

इस कार्यक्रम से सिडबी को एमएसई के साथ एक सकारात्‍मक रिश्‍ता विकसित करने और पूर्व अवधारणाओं से बाहर निकल कर सूक्ष्‍म उद्यमों को अपने दैनिक कामकाज में पेश आने वाली मुश्किलों के बीच इन उद्यमियों के रूप में उपलब्‍ध व्‍यापक अज्ञात अवसरों से अवगत होने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यह कार्यक्रम अभिनव विचारों को सृजित करने और नए साधनों, उत्‍पादों और वितरण चैनलों को विकसित करने में मदद करेगा, ताकि इस क्षेत्र को पर्याप्‍त पूंजी का प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके।

सिडबी इस अनुभव का उपयोग एमएसएमई का आवश्‍यक मार्गदर्शन करने के लिए और भी ज्‍यादा अनुकूल माहौल बनाने में करेगा। हाल ही में क्रिसिडेक्‍स और एमएसएमई पल्‍स को लांच करने के बाद प्रस्‍तावित जन संपर्क कार्यक्रम सिडबी की एक और अनूठी पहल है। सिडबी इसके साथ ही एमएसएमई के समग्र विकास के लिए कई और पहल करेगा।

सिडबी को भारतीय संसद के एक अधिनियम के तहत 2 अप्रैल, 1990 को स्थापित किया गया था जो सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के संवर्धन, वित्त पोषण और विकास के लिए प्रमुख वित्तीय संस्‍थान के रूप में अपनी भूमिका निभाता है और इसके साथ ही इसी तरह की गतिविधियों में संलग्‍न संस्‍थानों के कामकाज में समन्‍वय स्‍थापित करता है।

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