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सीएम आवास में वित्त और वाणिज्य कर विभागों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

सीएम आवास में वित्त और वाणिज्य कर विभागों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम आवास में वित्त और वाणिज्य कर विभागों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा कि वन, खनन और ऊर्जा जैसे विभागों से राजस्व बढ़ाया जाय। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में निर्देश दिये है कि राजस्व प्राप्ति के लिये जिम्मेदार सभी विभागों में ईमानदार एवं पारदर्शी तरीके से काम किया जाय और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय अनुशासन और प्रबन्धन को शीर्ष प्राथमिकता दी जाय। मुख्यमंत्री ने छोटे-छोटे विभागों के तार्किक एवं व्यवहारिक एकीकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों की क्षमता में वृद्धि कर उनकी सर्विस डिलीवरी को बेहतर किये जाने की जरूरत है। तभी विकास की योजनाएं धरातल पर उतरेगी। नए पदों के सृजन में विशेष ध्यान रखा जाय और इस विषय में सभी विभागों में समानता के सिद्धांत पर काम किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाह्य सहायतित बड़ी परियोजनाओं को सिंगल विंडो सिस्टम सुविधा दी जाय और इनकी मॉनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से की जायेगी। इसके लिये सीएम डैशबोर्ड स्थापित किया जाय। बड़ी योजनाओं एवं निर्माण कार्याें के लिये टीएसी(टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी) की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त नीति ऐसी हो जो स्वरोजगार को बढ़ावा दे, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकें। युवाओं को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। स्किल डिवेलपमेंट और ट्रेनिंग पर ध्यान दिया जाय। औद्यानिकी और पुष्पोत्पादन के जिलेवार हब विकसित किए जायें। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा की ईकाइयों को और प्रभावी बनाने के लिये एक अध्ययन कमेटी बनाकर रिपेार्ट प्रस्तुत की जाय। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थाओं को स्किल इंडिया कार्यक्रम से जोड़ा जाय।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेन्शन योजना पर विशेष ध्यान देने तथा इनकी पहुँच विस्तारित करने के लिये विशेष प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने इन योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी प्रमुख सचिव वित्त को दिये। डिजिटल बैंकिंग और लेस कैश अभियान, भीम ऐप और भीम आधार ऐप के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाय। राज्य वित्त आयोग द्वारा नगर निकायों को दिये गये धन को योजनाबद्ध तरीके से स्वच्छता के साथ-साथ नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं हेतु खर्च किया जाय।

बैठक में बताया गया है कि वर्ष 2015-16 में राज्य का कुल व्यय 29.6 हजार करोड़ रूपये थे जबकि कुल प्राप्तियां 28.6 हजार करोड़ रूपये थी। राज्य पर कुल वित्तीय दायित्व 39.03 हजार करोड़ रूपये है जाकि वर्तमान में वित्त आयोग के मानकों के अधीन राज्य की जीडीपी के 25 प्रतिशत से कम हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वित्तीय दायित्व का प्रबन्धन बेहद जिम्मेदारी से किया जाय। राज्य का आयोजनागत व्यय 2015-16 हेतु 10.58 हजार करोड़ रूपये तथा आयोजनेत्तर(नाॅन प्लान) व्यय लगभग 19 हजार करोड़ रूपये था। वर्ष 2015-16 में राज्य का कर राजस्व 9378 करोड़ रूपये तथा करेत्तर राजस्व 1219 करोड़ रूपये था।

बैठक में वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत, अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा एवं वाणिज्य कर आयुक्त रणवीर सिंह चैहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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