देहरादून: भूतपूर्व सैनिक संगठन ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सम्मानित किया। द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं सैनिक विधवाओं की मासिक पेंशन केा रू.4000 से बढ़ाकर रू.8000 किये जाने पर भूतपूर्व सैनिकों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड के युवाओं को सेना भर्ती में लम्बाई में 03 सेन्टीमीटर की छूट प्राप्त होने पर भी मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र रावत के प्रयासों की सराहना करते हुए उनको सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि है। उन्होंने कहा कि जो वीर सैनिक सीमा पर देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों की बाजी लगाते हैं उनके परिवार के बारे में सोचना सरकार और समाज का दायित्व है। उन्होंने हाल ही में शहीद मेजर कमलेश पाण्डे और शहीद नरेन्द्र सिंह बिष्ट के परिजनों से हुई मुलाकात का स्मरण करते हुए कहा कि शहीदों के परिजनों का ध्यान रखना सरकार का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता तो सरकारें देती ही है लेकिन हमें शहीद के परिवार की समग्र रूप से चिन्ता करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिवार को किस प्रकार से समग्र सहायता दी जाय, इस पर वे विचार कर रहे हैं। इसके लिये उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों से भी सुझाव देने को कहा। उन्होंने कहा कि सैनिकों-भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये और कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते है, इनका विस्तृत परीक्षण कर रहे हैं। घोषणाएं करना आसान है लेकिन जिम्मेदार व्यक्ति जब घोषणा करे तो वो पूरी भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिकों के कल्याण के सुझाये गये सभी उपायों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा।
इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मसूरी क्षेत्र के विधायक श्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री द्वारा लिये गये निर्णय के लिये उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सेवानिवृत्त जनरल आनंद स्वरूप और ले.जनरल ओ.पी.कौशिक ने भी संबोधित किया और उत्तराखण्ड सरकार की सैनिक कल्याण नीतियों एवं प्रतिबद्धता की सराहना की।