देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड सरकार श्री केदारपुरी के भव्यतम स्वरूप को स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंदिर एवं आसपास का वातावरण ऐसा होना चाहिए कि तीर्थयात्रियों को जीवन का सबसे बेहतरीन अनुभव प्राप्त हो सके। यात्रियों के साथ-साथ एवं स्थानीय तीर्थ पुरोहितों, निवासियों सभी की सुविधा सुरक्षा का ध्यान रख जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह विचार सचिवालय में श्री केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण योजना का प्रस्तुतीकरण के दौरान व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष सोमवार को सचिवालय में श्री केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतिकरण में श्री केदारपुरी के पुनर्निर्माण का माॅडल प्लान दिखाया गया। यह प्लान पिछले दो सप्ताह के ताजे सर्वे के आधार पर बनाया गया है। पुनर्निर्माण प्लान में केदारपुरी को छः जोन में बांटकर सभी यात्री सुविधाओं, अवस्थापना सुविधाओं, स्थानीय तीर्थ पुरोहितों की व्यवस्थाओं आदि पर व्यापक कार्य योजना दर्शायी गई। बताया गय ाकि विद्युत लाइनें, पेयजल लाइनें, संचार लाइनें, सीवरेज आदि सभी अवसंरचनाएं भूमिगत ’’डक्ट’’ में स्थापित की जायेगी। सीवरेज लाइनें सेन्ट्रल एक्सेस(मुख्य मार्ग) में नही होगी बल्कि धाम की बाहरी परिधि से होती हुई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक जायेंगी। प्रारंभिक योजना 20 हजार की फ्लोटिंग तथा 05 हजार स्थायी जनसंख्या की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनायी जा रही है। प्रस्तुतिकरण के अनुसार प्रस्तुत प्लान को सिंचाई, पेयजल, विद्युत, पर्यटन, संचार आदि संबंधित विभाग भी अपने दृष्टिकोण से देखकर अपना फीडबैक देंगे।
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि मई, 2018 तक अंडरग्राउण्ड केबलिंग और अन्य यूटिलिटी सुविधाएं विकसित करने की तैयारी की जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, सचिव पेयजल श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग श्री मंगेश घिल्डियाल, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कर्नल अजय कोठियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।