नई दिल्लीः जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय केन्द्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान केंद्र (सीडब्ल्यूपीआरएस), पुणे को आईएसओ 9001: 2015 प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इस केंद्र को यह प्रमाण पत्र जल संसाधन विद्युत और तटीय इंजीनियरिंग से संबंधित परियोजना के लिए विशिष्ट/मूल हाइड्रोलिक अनुसंधान के माध्यम से अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) सहायता तथा परामर्श देने के लिए दिया गया है। सीडब्ल्यूपीआरएस मुख्य केंद्रीय एजेंसी है, जो जल संसाधन परियोजनाओं, नदी इंजीनियरिंग, बिजली उत्पादन और तटीय इंजीनियरिंग परियोजनाओं में शामिल हाइड्रोलिक संरचनाओं के सुरक्षित और किफायती डिजाइन विकसित करने के लिए हाइड्रोलिक्स और संबद्ध विषयों के अनुसंधान तथा विकास (आर एंड डी) की जरूरतों को पूरा करती है।
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय केन्द्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधानशाला (सीएसएमआरएस), नई दिल्ली को जांच, परामर्श और मृदा यांत्रिकी तथा फाउंडेशन इंजीनियरिंग, रॉक इंजीनियरिंग, कंक्रीट टेक्नोलॉजी एवं संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान तथा ज्ञान साझा करने के लिये आईएसओ 9001:2008 प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। सीएसएमआरएस जियो टेक्निकल इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग सामग्री विशेष रूप से नदी घाटी परियोजनाओं के निर्माण और मौजूदा बांधों के सुरक्षा मूल्यांकन के क्षेत्र में कार्यस्थल और प्रयोगशाला में जांच तथा अनुसंधान करने का देश का प्रमुख संगठन है। यह अनुसंधानशाला विभिन्न नदी घाटी परियोजनाओं के निर्माण की गुणवत्ता पर भी नियंत्रण रखती है।