नई दिल्ली: बेस क्षरण और लाभ स्थानांतरण (बीईपीएस) अधिनियम 5 के तहत, प्राधिकरण द्वारा अग्रिम नियमों के लिए स्थायी प्रतिष्ठान (पीई) के फैसलों का आदान-प्रदान न केवल उन सभी संबंधित देशों के साथ किया जाना चाहिए जिनके साथ करदाता लेनदेन करता है, लेकिन तत्काल मूल कंपनी और अंतिम मूल कंपनी के निवास के देश के साथ भी करना चाहिए। इसलिए, क्रॉस-राष्ट्रीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए बीईपीएस कार्य योजना के एक्शन 5 के तहत की गई सिफारिशों को लागू करने के लिए, फॉर्म 34 सी और 34 डी (एडवांस रूलिंग हेतु फॉर्म) को संशोधित करने की आवश्यकता है ताकि विवरण जैसे नाम, पता और गैर-निवासियों के लिए जिस देश में रह रहे हैं उस देश के तत्काल मूल कंपनी या अंतिम मूल कंपनी आदि के निवास का ब्यौरा आवेदन के समय ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, वित्त अधिनियम, 2017 के तहत, एडवांस नियमों के प्रयोजन के लिए “आवेदक” शब्द की परिभाषा में आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 245 एन के क्लॉज (बी) को प्रतिस्थापित करके संशोधित किया गया है।इसलिए, नियम 44 ई और संबंधित फॉर्म में अधिनियम के अनुसार एकरूपता लाने के लिए परिणामस्वरूप संशोधन आवश्यक है।
तदनुसार, एक मसौदा अधिसूचना तैयार कर आयकर विभाग की वेबसाइट http://www.incometaxindia.gov.in पर सभी शेयर धारकों और आम जनता से टिप्पणियों के लिए अपलोड कर दिया गया है। मसौदा नियमों और प्रपत्रों पर टिप्पणियों और सुझावों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से 30 अप्रैल, 2018 तक ईमेल के जरिए ts.mapwal@nic.in पते पर भी भेजा जा सकता है।