सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत स्टेफन डी मिस्तुरा ने शनिवार (25 नवंबर) को बयान जारी कर कहा कि वे सीरिया शांति वार्ता के नए दौर के लिए तैयार हो रहे हैं. यह वार्ता अगले सोमवार (27 सोमवार) से शुरू हो सकती है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, स्टेफन ने हाल ही में रियाद में सऊदी अरब की मेजबानी में प्रभावी रूप से समाप्त हुए विपक्ष के सम्मेलन के निष्कर्षों पर गौर और इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वह जिनेवा में सीरिया के विपक्षी धड़े को वार्ता के लिए आमंत्रित करेंगे. यह नए दौर की वार्ता रूस के सोच्चि शहर में ईरान, तुर्की और रूस के नेताओं की बैठक के बाद शुरू होगी, जहां ये सीरिया के लिए समग्र वार्ता के खाके का समर्थन करेंगे.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तुर्की समकक्ष रजब तैयब एर्दोआन से शनिवार (25 नवंबर) को बात की. दोनों के बीच सीरियाई संकट के शांतिपूर्ण समाधान और आतंकी समूह आईएसआईएस के खात्मे के लिए संरा सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू करने पर चर्चा हुई. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी. व्हाइट हाउस ने दोनों नेताओं के बीच हुए फोन कॉल का ब्यौरा देते हुए बताया कि ट्रंप ने अमेरिका और तुर्की के बीच रणनीतिक साझेदारी की पुन: पुष्टि की, खासकर आतंकवाद के सभी रूपों से मुकाबला करने और क्षेत्रीय स्थिरता के मामले में.
सीरिया मामले पर, वहां गृहयुद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों नेताओं ने संरा सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 को लागू करने और संरा के नेतृत्व वाली जिनीवा प्रक्रिया को समर्थन देने के महत्व पर चर्चा की. इसमें बताया गया कि ट्रंप और एर्दोआन ने मानवीय संकट को खत्म करने की जरूरत, विस्थापित सीरियाई लोगों को वापस लौटने देने, अहितकर दखल तथा आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह से मुक्त एकजुट सीरिया में स्थिरता सुनिश्चित करने को महत्वपूर्ण बताया. ब्यौरे में बताया गया कि दोनों नेताओं ने अमेरिका से सैन्य उपकरणों की खरीद पर भी चर्चा की.
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