नई दिल्लीः आईएफएफआई गोवा 2017 के दूसरे दिन, एफटीआईआई की शैक्षणिक पत्रिका ‘लेंसलाइट‘ के विशेष संस्करण के अनावरण के बाद शोमैन सुभाष घई ने आईएफएफआई गोवा 2017में मास्टरक्लास के दौरान फिल्म के दीवानों एवं छात्रों को रोमांचित कर दिया और उन्हें उनकी कला का सम्मान करने तथा संबंधित क्षेत्रों में अपनी पहचान स्थापित करने संबंधी बहुमूल्य सुझाव दिया।
विख्यात शोमैन सुभाष घई ने मास्टरक्लास के दौरान फिल्मों को चाहने वाले श्रोताओं को एक फिल्मकार के रूप में अपने संघर्ष, विफलताओं तथा दिलचस्प वाकयों को सुना कर आनंदित और रोमांचित कर दिया कि किस प्रकार उन्होंने कई अन्य विषयों के अतिरिक्त कालीचरण, विधाता, खलनायक एवं कर्मा जैसी सुपरहिट संगीतमय फिल्में बनाईं।
‘भविष्य में क्या‘ के साथ बातचीत की शुरुआत करते हुए सुभाष घई ने अपने व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक जीवन से संबंधित कई टॉपिक को छुआ जिसने सभागार में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरित किया।
उन्होंने एक साल में शीर्ष निर्माताओं को छह कहानियां बेचने से लेकर दिलीप कुमार एवं राजकुमार के बीच दरार पर विवादों के बावजूद 11 महीने में सौदागर बनाने के वाकये का जिक्र किया। साथ ही, यह भी बताया कि 2017 हिन्दी सिनेमा के लिए कोई सार्थक वर्ष नहीं रहा है। उपस्थित जनसमूह के साथ सुभाष घई की बातचीत एक रहस्योद्घाटन साबित हुई।
सुभाष घई आईएफएफआई गोवा में नियमित रूप से आते रहे हैं और समारोह के आयोजकों को अपने बहुमूल्य परामर्श देते रहे हैं। आईएफएफआई का 48वां संस्करण गोवा में 20 से 28 नवंबर, 2017तक मनाया जा रहा है।