संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ये मामला अब कोर्ट तक जा पहुंचा है. खबर है कि सुप्रीम ने फिल्म के रिलीज की अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट का कहना है कि सेंसर बोर्ड तय करेगा फिल्म रिलीज को लेकर क्या करना है. आपको बता दें करणी सेना और राजपूत संगठन समेत बीजेपी पार्टी ने भी फिल्म के रिलीज को लेकर आपत्ति जताई है, और बैन करने की मांग की है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वकील सोमेश चंद्रा झा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर फिल्म निर्माताओं के खिलाफ आरोप लगाया कि रानी पद्मावती के चरित्र को फिल्म में गलत ढंग से फिल्माया गया है. याचिका में ये भी कहा गया है राजघराने की रानियां घमूर और ठुमके नहीं लगाती थीं. इसके साथ ही दीपिका के कपड़ों को लेकर भी सवाल उठाया गया है. संजय लीला भंसाली पर आरोप है कि उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है. फिल्म चलाने के लिए संजय ने अश्लीलता का सहारा लिया है.
याचिकाकर्ता ने ये भी कहा, फिल्म में पद्मावती को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है. और ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुईं है. इसलिए इतिहास में रानी की पूरी जानकारी के बाद ही इसे रिलीज किया जाना चाहिए. इस अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
फिल्म को लेकर हो रहे इतने बवाल के बाद राजस्थान में इस फिल्म को कोई डिस्ट्रीब्यूटर भी नहीं मिल रहा है. सभी ने फिल्म के राइट्स खरीदने से मना कर दिया है. वहीं, जयपुर के पूर्व राजपरिवार की प्रिंसेस और विधायक दीया कुमारी ने पद्मावती को लेकर कहा है कि फिल्म के बहाने राजस्थान के इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
हाल ही में भंसाली ने इस विषय पर अपनी सफाई देते हुए कहा था, ‘मैंने यह फिल्म बहुत ईमानदारी और मेहनत से बनाई है. रानी पद्मावती की कहानी से मैं हमेशा प्रभावित रहा हूं और यह फिल्म उनकी वीरता और उनके आत्मबलिदान को नमन करती है.’ एक नजर देखिए संजयलीला भंसाली का लोगों के नाम संदेश