नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्राटेक मामले में सोमवार को कहा कि हमें घर खरीददारों की फिक्र है. कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को शीर्ष अदालत में 27 अक्टूबर तक 2,000 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही जेपी इंफ्राटेक के प्रबंधक निदेशक और निदेशकों को कोर्ट की अनुमति के बगैर देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा गठित संस्था अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल्स (आईआरपी) को जेपी इंफ्राटेक के प्रबंधन की जिम्मेदारी लेने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 नवंबर को होगी.
Jaypee Infratech case: Supreme Court asked holding companies to deposit a sum of Rs 2,000 crores by 27th October
— ANI (@ANI) September 11, 2017
Jaypee Infratech Case: Supreme Court said home buyers' interest shall be protected, will hear matter on November 13th
— ANI (@ANI) September 11, 2017
इससे पहले केंद्रीय खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा था कि जेपी इंफ्राटेक के पीड़ित खरीदारों की शिकायतों को निपटाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है.
पासवान ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उपभोक्ता मामलों के सचिव की अध्यक्षता में समिति इस मामले का अध्ययन कर तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी. हम घर खरीदारों को बचाना चाहते हैं. मंत्री ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है. यह समिति इस पर भी विचार करेगी कि इस मामले में हमारे पास कोई अधिकार क्षेत्र है या नहीं.