सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मसौदा संविधान को अंतिम रूप देने तक राज्य क्रिकेट संघों के चुनाव पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने साथ ही इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बैंच ने गुरुवार को उच्च न्यायालयों से कहा कि राज्य क्रिकेट संघों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति से जुड़ी याचिका को स्वीकार न किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट एक राज्य, एक मत और बीसीसीआई पदाधिकारियों से संबंधित पूर्व के फैसले में संशोधन पर विचार करेगा। कोर्ट ने इससे पहले राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई पदाधिकारियों से शीर्ष क्रिकेट संस्था के मसौदा संविधान पर सुझाव देने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये सिफारिशें लोढ़ा समिति की सिफारिशों और इसके फैसले के अनुरूप होनी चाहिए। अदालत द्वारा अंतिम रूप दिए जाने वाला मसौदा बीसीसीआई पर बाध्यकारी होगा।
हालांकि, बैंच ने स्पष्ट किया था कि वर्ष 2016 के फैसले को वापस लेने की मांग वाली याचिकाओं पर उसका आदेश मसौदा संविधान की वैधता से जुड़ा होगा। जस्टिस लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में ढांचागत सुधारों पर कई सिफारिशें दी थीं जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी।
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