देहरादून: राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि बच्चों को अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए। पुस्तकें हमारी सच्ची दोस्त होती हैं। अच्छी पुस्तकों से अच्छे विचार आते हैं जिससे अच्छी आदतें विकसित होती है और चरित्र निर्माण होता है। शिक्षक, किताबी पढ़ाई के साथ ही बच्चों के व्यक्तित्व विकास को भी महत्व दें। राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने सेंट मेरी सेकेंडरी स्कूल देहरादून के वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
राज्यपाल ने वार्षिक उत्सव के लिए बधाई देते हुए कहा कि किसी भी स्कूल का वार्षिक उत्सव वहां के छात्र-छात्राओं व अध्यापकों के लिए बहुत मायने रखता है। गरीब, अनाथ व साधनहीन बच्चों को शिक्षित करना, बहुत बड़ी समाजसेवा होती है। सेंट मेरी स्कूल बखूबी इस काम को कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि स्कूली पढ़ाई के साथ ही मूल्यपरक शिक्षा भी जरूरी है। बच्चों के जीवन पर शिक्षकों का सर्वाधिक प्रभाव होता है। शिक्षकों को अपनी अहम जिम्मेवारी समझते हुए, बच्चों के चारित्रिक विकास व व्यक्तित्व विकास पर फोकस करना चाहिए। बच्चे अपने सांस्कृतिक मूल्यों से भली भांति अवगत हों।
राज्यपाल ने कहा कि अच्छी आदतों का निर्माण बचपन से ही सम्भव है। बच्चों के माध्यम से सामाजिक व पर्यावरण संबंधी जन-जागरूकता उत्पन्न की जा सकती है। स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण व यातायात सुरक्षा आदि विषयों की भी जानकारी दी जाए। इससे बच्चे अपने परिवारजनों को भी जागरूक करेंगे और भविष्य में वे देश के आदर्श नागरिक बनेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को इस काबिल बनाया जाए कि वे प्रत्येक प्रकार की परिस्थिति को अपने अनुसार करने में सक्षम हों। परंतु इसके लिए बच्चों को अच्छी पुस्तकें पढ़नी चाहिए। उनमें मानवता, विश्व बंधुत्व, क्षमाशीलता के गुण होने चाहिए। इसके बच्चों को मूल्यपरक शिक्षा देना जरूरी है।
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