नई दिल्ली: प्रारंभ द्विवार्षिक सेना कमांडर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में माननीय रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष रामराव भामरे ने भारतीय सेना की असंख्य सुरक्षा चेतावनियों का मुकाबला करने और इस प्रकार राष्ट्र के विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान की सराहना की। उन्होंने सेना द्वारा निरंतर प्रशिक्षण गतिविधियां चलाए जाने जिसमें मित्र देशों के साथ विभिन्न संयुक्त प्रशिक्षण एवं अभ्यास शामिल हैं, के लिए सराहना की। उन्होंने अत्यधिक गत्यागात्मक आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा चेतावनियां का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की जरूरत पर भी जोर दिया।
डॉ. भामरे ने भारतीय सेना की क्षमता विकास, बल आधुनिकीकरण तथा उससे भी अधिक अवसंरचनात्मक विकास की जरूरतों के संबंध में सरकार की पूर्ण सक्रियता का भी जिक्र किया। उन्होंने स्वदेशीकरण तथा आत्मनिर्भरता बढ़ाकर तीनों सेनाओं के क्षमता विकास में तालमेल बैठाकर राजकोषीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग की बात पुन: दोहराई।
सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने अपने उद्घाटन भाषण में कारगर ढंग से मुकाबला करने के मौजूदा स्तर को बनाए रखने और उसे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आवंटित संसाधनों का इष्टतम उपयोग और सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया अक्षुण्य रूप से चालू रखने के सुनिश्चय को उचित प्राथमिकता दी जानी चाहिए।