नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज दिल्ली कैंट के मानकेशॉ सेंटर में आयोजित सेना कमांडर सम्मेलन में भाग लिया और सेना प्रमुख और सेना के कमांडरों सहित उच्चाधिकारियों को संबोधित किया।
रक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद रक्षा मंत्री सियाचिन सहित कई फारवर्ड पोस्ट्स का दौरा कर चुकीं हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री उत्तर-पूर्व और तिब्बत के सीमा क्षेत्रों की भी यात्रा कर चुकीं हैं।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा क्षेत्रों की उनकी यात्रा आँखे खोल देने वाली थी। उन्होंने भारतीय सेना के पेशेवर दृष्टिकोण प्राथमिक आपदाओं के दौरान कार्यकुशलता और पूर्वोत्तर राज्य में विद्रोह पर नियंत्रण जैसे कार्यों की प्रशंसा की।
सेना के क्षमता विकास, रणनीतिक अवसंरचना विकास, सैन्य संशोधन, सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों व परिवार के कल्याण के प्रति मंत्री महोदया ने बारीकी से निगरानी का भरोसा दिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एचएडीआर उपकरणों के प्रावधान के लिए गृह मंत्री को प्रस्ताव भेजा है। भारतीय सेना प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उपरोक्त उपकरणों का इस्तेमाल कर सकेगी।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, संचार, परिवहन और साइबर क्षेत्रों का एकीकरण उनकी प्राथमिकता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सेनाओं का मनोबल सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने राजनयिक रक्षा सहयोग, ‘मेक इन इंडिया’ का समर्थन और राष्ट्र निर्माण के प्रति भारतीय सेना के योगदान की प्रशंसा की।