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सौर अभियान

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नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रथम सौर अभियान, आदित्य-एल-1 शुरू करने की योजना बना रहा है।

आदित्य-एल-1 अभियान का उद्देश्य सूर्य-पृथ्वी के इर्द-गिर्द कक्षा से लेंग्रेगियन प्वाइंट (एल-1) जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर है, सूर्य का अध्ययन करना है। यह फोटो स्फियर, क्रोमोस्पियर तथा सूर्य की बाहरी परत, विभिन्न वेवबैंडस में प्रभामंडल के अध्ययन के लिए सात अंतरिक्ष उपकरण ले जाएगा।

आदित्य एल-1 राष्ट्रीय संस्थानों के योगदान वाला एक पूर्णत: स्वदेशी प्रयास है। इण्डियन इस्टींट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), बैंगलुरू, विजिबल इमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) के विकास के लिए एक अग्रणी संस्थान है तथा इन्टर यूनिवर्सिटी सेंटर फार एस्टोनोमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए), पुणे सोलर अल्ट्रा वायलेट इमेजर (एसयूआईटी) आदित्य एल-1 अभियान के लिए अंतरिक्ष उपकरण विकसित कर रहा है।

आदित्य एल-1 प्रभामंडल पर निष्कर्ष दे सकता है तथा इसके अलावा यू वी अंतरिक्ष उपकरण का उगयोग कर सौर क्रोमोस्पियर पर विचार दे सकता है, एक्सरे उपकरणों के प्रयोग द्वारा धधक (फ्लेयर) पर प्रेषण प्रस्तुत कर सकता है। अणु ससूंचक तथा मेगनोमीटर अंतरिक्ष उपकरण आवेशित अणुओं तथा एल-1 के इर्द-गिर्द हालो कक्षा में पहुंचने वाले चुंबकीय क्षेत्र के संबंध में सूचना प्रदान कर सकता है।

यह सूचना केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन, आणविक ऊर्जा तथा अंतरिक्ष डॉ जितेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

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