लखनऊ: प्रदेश सरकार ने राज्य के सतत विकास के लिए स्वच्छ ऊर्जा और सौर ऊर्जा कार्यक्रम को प्रभावी रूप से संचालित करने का निर्णय लिया है। सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
यह जानकारी प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज यहां दी है। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन में निजी भागीदारी के तहत थर्ड पार्टी, ओपेन एक्सेस एवं सोलर पार्क के विकास का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 तक कुल 10700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। सरकारी एवं अर्द्धसरकारी भवनों में रिन्यूवल एनर्जी सप्लाई कम्पनी (रेस्को) द्वारा सोलर पावर प्लांट लगाये जाने का प्राविधान किया गया है। सोलर पावर परियोजनाओं के लिए आॅनलाइन एकल विन्डो क्लीयरेन्स की व्यवस्था की गयी है।
श्री पाठक ने बताया कि सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन हेतु सौर ऊर्जा इकाई स्थापित करने पर शत-प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में छूट देने का प्राविधान किया गया है। सोलर रूफटाप पावर प्लांट पर 30 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के अलावा 15 हजार रुपये प्रति किलावाट अधिकतम 30 हजार रुपये प्रतिकिलोवाट रुपये प्रति उपभोक्ता अनुदान देने की व्यवस्था सरकार ने की है।
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 512 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हैं। इसमें वर्ष 2017-18 में 280 मेगावाट क्षमता की ऊर्जा आधारित परियोजनाएं शुरू की गयी हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में 39.16 मेगावाट क्षमता की सोलर रूफटाप परियोजनाएं स्थापित की गयी हैं। इसी प्रकार पंण्डित दीनदायाल उपाध्याय योजना के तहत वर्ष 2017-18 में ऊर्जा विकास खण्डो के मुख्य ग्रामीण बाजारों के सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिए 7850 सोलर स्ट्रीट लाइट संयत्रों की स्थापना की गई है। इनसे बाजार आज जगमगा रहे हैं।