नई दिल्ली: स्टाफ समिति प्रमुख और नौसेना प्रमुख, अध्यक्ष एडमिरल सुनिल लांबा 5 से 10 नवंबर 2017 तक फ्रांस के द्विपक्षीय दौरे पर रहेंगे। उनके इस दौरे का उद्देश्य भारत और फ्रांस के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग को सुदृढ़ करना और रक्षा सहयोग के नए अवसरों की खोज करना है।
अपने दौरे के दौरान, अध्यक्ष, स्टाफ समिति प्रमुख और नौसेना प्रमुख, महामहिम सुश्री फ्लोरेंस पार्ली, माननीय फ्रांस के रक्षा मंत्री जनरल फ्रैंसिस लैकोन्त्ररे, रक्षा स्टाफ प्रमुख, एडमिरल क्रिस्टोफ प्रजुक, फ्रांस नौसेना प्रमुख, जनरल जोल बारे, अस्त्र-शस्त्र महानिदेशक और वाइस एडमिरल हार्वेड बोनावेन्चोर, अन्तर्राष्ट्रीय संबंध और रणनीति महानिदेशक के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
महत्तवपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता के अलावा, एडमिरल, ब्रेस्ट और चेरबोर्ग में मेरीटाइम परफैक्टारस का दौरा करेंगे और मेरी टाइम संचालन केन्द्र पर संचालित करेंगे। वह लैन्डीविस्यो में फ्रांस हवाई अड्डे का दौरा भी करेंगे जहां उन्हे फ्रांस वायु सेना द्वारा रैफाले हवाई जहाज के परिचालन पर जानकारी दी जाएगी। वह चैरबोग में फ्रांस पनडुब्बी सुविधाओं को भी देखेंगे।
भारत और फ्रांस ने करीबी और दोस्ताना सम्बन्ध पारम्परिक तौर पर निभाए हैं। दोनों ने वर्ष 1998 में सामरिक साझेदारी की है जिससे रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे सामरिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग में महत्तवपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध, आपसी विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ोत्तरी हुई है। भारत, फ्रांस से रक्षा प्रौद्योगिकी का आयात करता रहा है, इसमे हाल ही में भारतीय वायु सेना के लिए रैफाले लड़ाकु वायु यान और भारतीय नौसेना के लिए स्कोर्पीन पनडुब्बियाँ शामिल हैं।
भारतीय नौसेना विभिन्न विषयों पर फ्रांस नौसेना के साथ सहयोग करती है जिसमे संचालन गतिविधियाँ जैसे वरूण श्रृंखला का द्विपक्षीय अभ्यास, प्रशिक्षण अदला-बदली, जहाजरानी की सूचनाओं और कर्मियों की वार्ता के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विषय सम्बन्धित विशेषज्ञों की अदला-बदली शामिल है। भारतीय नौसेना के युद्धपोत नियमित रूप से फ्रांस के बन्दरगाहों का दौरा करते हैं। 24 से 27 अप्रैल, 2017 के दौरान आईएन जहाज मुम्बई, त्रिशुल और आदित्या टूलोन बन्दरगाह पर पहुँचे। फ्रांस नौसेना के जहाज, आवर्जन, एक एफआरईएमेम श्रेणी युद्धपोत ने भी 2 से 6 अक्टूबर, 2017 के दौरान करवार में नौसेना स्थल का दौरा किया।
भारतीय सेना और वायु सेना ने भी फ्रांस सेना और वायु सेना के साथ सहयोग को निभाया है। भारतीय सेना ने फ्रांस सेना के साथ द्विवर्षीय शक्ति अभ्यास को संचालित किया है जबकि भारतीय वायु सेना वार्षिक रूप से गरूण श्रृंखला का अभ्यास संचालित करती है। दोनों ही सेवाएं विषय सम्बन्धित विशेषज्ञों की अदला-बदली करती हैं और निर्धारित सेवाओं के कर्मियों की वार्ता के द्वारा ढांचागत यंत्रावली का अनुसरण करती है।