लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में स्थानांतरण सत्र 2017-18 के लिए सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु वार्षिक स्थानांतरण नीति को अनुमोदित किया गया। इसके तहत व्यवस्था दी गई है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मण्डल एवं जिला स्तर के समस्त स्थानांतरण 30 जून, 2017 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। स्थानांतरण करने हेतु अवधि के निर्धारण के लिए 31 मार्च, 2017 को कट आॅफ डेट निर्धारित की गई है।
नई स्थानांतरण नीति के अनुसार समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के ऐसे अधिकारियों के स्थानांतरण किए जा सकेंगे, जो जनपद में 03 वर्ष एवं मण्डल में 07 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। समूह ‘ख’ के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागाध्यक्षों द्वारा किए जाएंगे। स्थानांतरण नीति के प्रावधानों से आच्छादित होने वाले प्रकरणों में 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे। समूह ‘ग’ के कार्मिकों का प्रत्येक 03 वर्ष के उपरान्त पटल परिवर्तन करने के प्रावधान किए गए हैं। दिव्यांगजन को स्थानांतरण नीति से मुक्त रखा गया है।
विभागीय आवश्यकता के दृष्टिगत स्थानांतरण नीति में विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर विचलन किए जाने का प्रावधान भी किया गया है। जनहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री द्वारा कभी भी किसी भी कार्मिक को स्थानांतरित किए जाने का आदेश दिया जा सकता है। 02 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ‘ग’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद एवं समूह ‘क’ तथा ‘ख’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़ते हुए इच्छित जनपद में तैनात करने पर विचार किया जा सकेगा। स्थानांतरण नीति में संशोधन की कार्रवाई मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त कर किया जा सकेगा।
स्थानांतरण नीति में अन्य मार्गदर्शक सिद्धांतों के तहत स्पष्ट किया गया है कि संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कार्मिकों की तैनाती संवेदनशील पदों पर कदापि न की जाए। मंदित बच्चों के माता-पिता की तैनाती अधिकृत सरकारी चिकित्सक के प्रमाण-पत्र के आधार पर विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर की जा सकेगी, जहां चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो। समूह ‘क’ के अधिकारियों को उनके गृह मण्डल में तैनात नहीं किया जाएगा। सरकारी सेवकों के मान्यता प्राप्त सेवा संघों के अध्यक्ष/सचिव, जिनमें जिला शाखाओं के अध्यक्ष एवं सचिव भी सम्मिलित हैं, के स्थानांतरण उनके द्वारा संगठन में पद धारित करने की तिथि से 02 वर्ष तक नहीं किए जाएंगे। यदि स्थानांतरण किया जाना अपरिहार्य हो तो स्थानांतरण हेतु प्राधिकृत अधिकारियों से एक स्तर उच्च अधिकारी का पूर्वानुमोदन प्राप्त किया जाएगा। जिला शाखाओं के पदाधिकारियों के स्थानांतरण प्रकरणों पर जिला अधिकारी की पूर्वानुमति प्राप्त की जाएगी।