लखनऊ: प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में हथकरघा उद्योग रोजगार का सबसे सशक्त माध्यम रहा है। यहां के हस्तशिल्प उत्पाद देश-विदेश में विख्यात है। लेकिन विगत कई वर्षों से इस क्षेत्र की उपेक्षा की गई। इसी का परिणाम है कि ग्रामीण अंचलों से पलायन शुरू हुआ और बुनकारी तथा हस्त कारीगरी में प्रदेश पिछड़ता गया। तमाम छोटे-बड़े उद्यम बंद हो गये तथा बुनकर एवं हस्तशिल्पी देश के विभिन्न शहरों में काम करने को मजबूर होते गयेे।
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की बागडोर सम्भालते ही बुनकरों की बेहतरी तथा हथकरघा एवं पावरलूम उद्योग के विकास हेतु कई ठोस कदम उठाये। जहां एक ओर बजट में भारी वृद्धि की गयी वहीं दूसरी ओर हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार योजना भी शुरू की गयी। उन्होंने बताया कि अब तक 345 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च करके इस क्षेत्र को पुनर्जीवित किये जाने का कार्य किया जा रहा है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष मंे मात्र 49 करोड़ 82 लाख रुपये ही हथकरघा एवं पावरलूम उद्योग सेक्टर को आवंटित किये गये थे। चालू वित्तीय वर्ष में व्यय की गयी धनराशि पिछले वर्ष की तुलना में सात गुना अधिक है।
वस्त्रोद्योग मंत्री ने बताया कि जनपद आजमगढ़ के कस्बा मुबारकपुर मंे हथकरघा बुनकरों को स्थानीय स्तर पर मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 158 दुकानों से युक्त विपणन केन्दों की स्थापना कराई गई। राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के तहत 42 हथकरघा बुनकरों को पुरस्कृत किया गया। सभी श्रेणी के बुनकरों को पुरस्कृत किये जाने हेतु पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना मंत्रिपरिषद के विचार हेतु शीघ्र प्रस्तुत की जायेगी।
श्री पचैरी ने बताया कि महात्मा गाॅंधी हथकरघा बुनकर बीमा योजनान्तर्गत अभी तक 1474 दावों का निस्तारण कराकर 08 करोड़ 84 लाख रुपये बुनकरों के आश्रितों को उपलब्ध कराया गया। इस योजना के तकह बुनकरों की स्वाभाविक मृत्यु की दशा में 60 हजार रुपये तथा दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर 01 लाख 50 हजार रुपये का हित लाभ उनके आश्रितों को दिया जाता है। वर्तमान में इस योजना को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा से लिंक कर दिया गया है। इसके अलावा पावलूम कामगारों हेतु संचालित समूह बीमा के तहत 148 दावों का निस्तारण कराया गया और 87 लाख रुपये की धनराशि आश्रितों को उपलब्ध कराई गई। ये सारे प्रयास बुनकरों को आर्थिक सुरक्षा देने की है।
वस्त्रोद्योग मंत्री ने बताया कि पावरलूम उद्योग का विकास भी राज्य सरकार की प्राथामिकताओं में शामिल है। पावरलूम उद्योग विकास योजना के तहत प्रदेश में 1670 नये सेमी-आटोमैटिक पावरलूम स्थापित कराये गये हैं। राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत क्लस्टर एप्रोच योजना से 9142 हथकरघा बुनकरों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि कानपुर में एक नेशनल हैण्डलूम एक्सपो तथा 05 स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो विभिन्न जनपदों में आयोजित कराये गये, इन एक्सपो में 08 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि के हथकरघा वस्त्रों की बिक्री हुई।