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स्वच्छ भारत केन्द्रीय दल ने चंपारण में विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर 2 एक समान गड्ढों के निर्माण में सहयोग किया

Swachh Bharat Central Team assist in building twin pits in Champaran to mark World Toilet Day
देश-विदेश

नई दिल्ली: कल आयोजित किए जाने वाले विश्व शौचालय दिवस की प्रक्रिया में  देश भर के राज्यों और जिलों द्वारा व्यवहार परिवर्तन और शौचालय निर्माण गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल की अगुवाई में, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के एक वरिष्ठ केंद्रीय स्तर के दल ने बिहार के पूर्व चंपारण जिले के तुरकौलिया गांव में दो गड्ढों के शौचालयों के निर्माण में ग्रामीणों की सहायता करते हुए श्रमदान किया।

      पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव, श्री परमेश्वरन अय्यर के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारीगण, 17 नवंबर, 2017 को गांव में आये थे। इस अभ्यास का एक उद्देश्य था कि अधिकारियों को एक विस्तारित अवधि के लिए गांव में रहने का अवसर प्रदान करना, ग्रामीणों के साथ सीधे बातचीत करना, व्यवहार परिवर्तन में प्रक्रिया में शामिल होना और देश में सबसे कम स्वच्छता कवरेज जिलों में से एक में उनके तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान चुनौतियों और आकांक्षाओं पर चर्चा करना।

इस दल ने, चंपारण शताब्दी वर्ष के हिस्से के रूप में “सत्याग्रह से स्वच्छता तक” समारोह को मनाने के लिए चंपारण जिला को चुना। इस दल ने ग्रामीणों को अपने घरों में दो एक समान गड्ढों के शौचालयों का निर्माण और इनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। श्रमदान के पहले दिन के पश्चात रात्रि चौपाल में ग्रामीणों के लिए फिल्म, टॉयलेट एक प्रेम कथा के प्रसारण का आयोजन भी किया गया। मंत्रालय और बिहार राज्य के संयुक्त दल ने गांवों में शौचालयों के लिए दो एक समान गड्ढों को खोदने, गड्ढों के अंदर ईंटों को बिछाने और शौचालय निर्माण में श्रमदान किया। कल विश्व शौचालय दिवस पर गांव को खुले में शौचमुक्त घोषित किया जाएगा। इस दल ने चंपारण में विभिन्न स्मारकों में गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा राज्य सरकार द्वारा आयोजित एक ‘मास्टर स्वच्छता प्रशिक्षक’ कार्यशाला में भी भाग लिया।

आज सुबह ही सचिव श्री परमेशवर अय्यर के नेतृत्व में दल ने खुले में शौच की सीमा का आकलन करने के लिए स्थानीय निगरानी समितियों के साथ मिलकर गांव में सतर्क निगरानी की शुरुआत की। इस दल ने खुले में शौच के लिए आए लोगों के साथ एक गहन आपसी बातचीत भी की और उनसे खुले में शौच से होने वाली बीमारियों और महिलाओं के समक्ष आने वाली कठिनाइयों के बारे में चर्चा की। दल ने लोगों को स्वयं के शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करने के वास्ते  उनके घरों का भी दौरा किया। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों ने अति उत्साह के साथ इस बातचीत में भाग लिया।

तुरकौलिया विद्यालय में इस क्षेत्र की छात्राओं के साथ एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया।

विश्व शौचालय दिवस की पहल से बिहार के चंपारण में स्वच्छ भारत कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है जो स्वच्छता कार्यक्रम को गति देने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। ग्रामीणों के साथ उनकी बातचीत में, सचिव श्री अय्यर और उनकी टीम ने सामुदायिक व्यवहार में बदलाव और शौचालय के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। ग्रामीणों ने अपने गांवों को जल्द ही खुले में शौचमुक्त बनाने का वायदा करते हुए इस आह्वान का उत्साहपूर्वक समर्थन किया।

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