नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि स्वच्छ भारत से स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत बनेगा। वे आज यहां विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाइक और अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने सबका आह्वान किया कि होम्योपैथी को दूरदराज के इलाकों तक पहुंचाया जाए ताकि सीमित संसाधनों के कारण जिन लोगों को इलाज नहीं मिल पाता है, उन्हें होम्योपैथी के जरिये स्वास्थ्य लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी 18वीं शताब्दी की महानतम खोज है और मानव जाति इसकी खोज करने वाले के प्रति कृतज्ञ है। होम्योपैथी सस्ती उपचार प्रणाली है और इसके सेवन का कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता। इस उपचार प्रणाली से स्वास्थ्य के क्षेत्र में संसाधनों की कमी से निपटा जा सकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि होम्योपैथी को और प्रभावशाली तथा कारगर बनाने के लिए वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य शोधकर्ताओं को अपने प्रयासो में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, और औषधि विज्ञान के वैज्ञानिक होम्योपैथी के अनजाने तथ्यों को सामने लाने के लिए काम कर रहे हैं। विज्ञान न तो किसी का मित्र होता है और न किसी का शत्रु। उसे केवल प्रयोग और प्रमाण की आवश्यकता होती है।
उपराष्ट्रपति ने होम्योपैथी के छात्रों और भावी चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे होम्योपैथी को सुगम्य बनाएं। यह अपेक्षाकृत अभिनव विज्ञान है और पूरी दुनिया में 80 से अधिक देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है।