नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज घोषणा की कि स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य और लक्ष्य राज्य में नई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होंगे। उन्होंने यह बात उससमय कही, जब पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर के नेतृत्व में एक केंद्रीय दल ने लखनऊ में उनसे भेंट की।
इससे पहले, इस सप्ताह मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि राज्य में 30 जिलों को दिसम्बर 2017 तक खुले में शौच जाने से मुक्त बनाया जाएगा। सचिव, श्री अय्यर ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में खुले में शौच जाने से मुक्ति का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र की तरफ से मदद दी जाएगी। इस मदद के अंतर्गत एक युवा व्यवसायी की नियुक्ति शामिल है, जो उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से प्रत्येक जिले में जिला स्वच्छ भारत प्रेरक के रूप में की जाएगी। राज्य को वरीयता के अनुसार धन आवंटित किया जाएगा और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा निरंतर तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में जिलों की सहायता की जाएगी।
मुख्य रूप से राज्य के चार जिलों – वाराणसी, ऐटा, सोनभद्र और आगरा को इस वर्ष के अंत तक खुले में शौच जाने से मुक्त बनाया जाएगा। इन जिलों ने स्वेच्छा से यह लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 30 जिलों को मिलाकर 2017 के अंत तक उत्तर प्रदेश के कुल 34 जिले खुले में शौच जाने के मुक्त बन जाएंगे।