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स्वतंत्र निदेशकों का क्षमता विकास अत्यंत आवश्यक क्योंकि वे कंपनियों में एकीकरण और व्यावसायिक व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण सलाहकार भूमिका निभाते हैं

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नई दिल्लीः विधि, न्याय एवं कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री पी. पी. चौधरी ने कहा है कि स्वतंत्र निदेशक कारपोरेट इकाइयों के निगरानीकर्ता हैं। श्री चौधरी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के नव – नियुक्त स्वतंत्र निदेशकों के दो दिवसीय ओरियंटेशन कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद उद्घाटन संबोधन कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम का आयोजन आज भारतीय कारपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) के मानेसर, जिला गुरुग्राम स्थित परिसर में किया गया। पीएसबी और पीएसयू के नव – नियुक्त स्वतंत्र निदेशकों को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि समय आ गया है कि विभिन्न प्रावधानों के संबंध में स्वतंत्र निदेशकों के लिए नियमित रूप से इस प्रकार के ओरियंटेशन कार्यक्रम चलाए जाएं, ताकि बेहतर उत्तरदायित्व संभव हो सके। देश की विशाल आर्थिक संरचना को देखते हुए आईआईसीए की भूमिका बहुत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र निदेशक पारदर्शिता और साख के बीच संतुलन कायम करते हैं तथा सलाह देना और निगरानी करना उनके दो अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य हैं। स्वतंत्र निदेशक अंदरूनी वित्तीय नियंत्रण पर निगाह रखते हैं। भारतीय कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 150 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आईआईसीए में स्वतंत्र निदेशकों के लिए एक डाटाबेस विकसित करने की दिशा में गंभीरता विचार कर रही है।

इस अवसर पर आईआईसीए के संचालन बोर्ड के सदस्य श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि स्वतंत्र निदेशक कंपनी के बोर्ड को अपने अनुभवों से लाभ पहुंचाते हैं। बहरहाल, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के जरिये उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाना आवश्यक है।

इसके पूर्व कारपोरेट कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव तथा आईआईसीए के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने उपस्थित जनों का स्वागत करते हुए स्वतंत्र सलाहकारों के रूप में स्वतंत्र निदेशकों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र निदेशक शेयरधारकों के हितों की रक्षा करते हैं।

सार्वजनिक उद्यम विभाग के अपर सचिव श्री मधुकर गुप्ता ने कहा कि स्वतंत्र निदेशक बोर्ड के कारगर संचालन में योगदान करते हैं और कारपोरेट शासन में अहम भूमिका निभाते हैं।

आईएफसी–वर्ल्ड बैंक की लीड-सीजी सुश्री व्लादिसावा रेयाबोता ने अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्ट व्यवहारों का उल्लेख करते हुए कहा कि कानून तभी काम करते हैं जब प्रशिक्षण और ज्ञान विकास साथ-साथ हो।

इसके पूर्व आईआईसीए के कारपोरेट शासन एवं लोकनीति विभाग के प्रमुख डॉ. नीरज गुप्ता ने उपस्थित जनों का स्वागत किया। आईआईसीए के वित्त विभाग के प्रमुख डॉ. नवीन सिरोही ने धन्यवाद ज्ञापन पेश किया।

इस दो दिवसीय ओरियंटेशन कार्यक्रम में पीएसबी और पीएसयू के 40 नव-नियुक्त स्वतंत्र निदेशकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान कारपोरेट कार्य मंत्रालय, सेबी, सार्वजनिक उद्यम विभाग, बीएसई, सीआईआई, आईएफसी–वर्ल्ड बैंक, यूएन ग्लोबल कंपेक्ट नेटवर्क, जीआरआई, इंटरनेशनल इंट्रीग्रेटेड रिपोर्टिंग काउंसिल, कारपोरेट क्षेत्र, बैंक, मीडिया और अकादमिक जगत के विशेषज्ञ वक्ता इस दौरान उपस्थित रहेंगे।

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