स्वर्णिम विजय वर्ष विजय ज्योति को दिनांक 4 अगस्त, 2021 को अंडमान और निकोबार कमान की नौसेना शाखा के तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, पूर्व में रॉस द्वीप समूह, में ले जाया गया। विजय ज्योति को पुष्पांजलि और भारतीय नौसेना गार्ड द्वारा ‘लोन सेलर स्टैच्यू’ पर 1971 के युद्ध के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि के रूप में सलाम देने के साथ-साथ पूर्ण शिष्टाचारयुक्त सम्मान दिया गया था।
पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह के दृष्टिकोण को देखते हुए ‘लोन सेलर स्टैच्यू’ का निर्माण उन लोगों के सम्मान में किया गया था जिन्होंने समुद्र में वीरतापूर्ण प्रदर्शन किया और सर्वोच्च बलिदान दिया। 1971 के युद्ध के संदर्भ में, इस कार्यक्रम का आयोजन आईएनएस खुखरी के अधिकारियों और नाविकों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला (महावीर चक्र मरणोपरांत) भी शामिल थे, जिन्होंने अपने जहाज के साथ राह कर बलिदान देने का फैसला किया था।
यह द्वीप सेंट्रल पोर्ट ब्लेयर से तीन किलोमीटर पूर्व में स्थित है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दिसंबर 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने वहां राष्ट्रीय तिरंगा फहराया था। इस ऐतिहासिक घटना के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिनांक 30 दिसंबर, 2018 को रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया था।
द्वीप का भ्रमण करने के बाद विक्ट्री फ्लेम वापस पोर्ट ब्लेयर जेट्टी में आ गया। कार्यक्रम में मौजूद कर्मियों द्वारा सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल उपायों का पालन किया गया ।