नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय दो नए गर्भ निरोधकों, जिसमें ‘अंतरा’ कार्यक्रम के तहत इंजेक्शन गर्भनिरोधक एमपीए और गर्भनिरोधक गोली ‘छाया’ की शुरुआत की है ताकि दंपतियों की बढ़ती हुई गर्भनिरोधकों की जरूरतों के विकल्पों में विस्तार कर इसे पूरा किया जा सके। ये गर्भ निरोधक वर्तमान में चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में मुफ्त में उपलब्ध हैं। अब तक 10 राज्यों, जिनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दिल्ली और गोवा शामिल हैं, उनमें इनकी शुरुआत की गई है। ये गर्भ निरोधक सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी हैं। ‘अंतरा’ इंजेक्शन तीन महीनों के लिए कारगर है तथा ‘छाया’ गोली एक सप्ताह के लिए प्रभावी है। यह दंपतियों की बदलती जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी, जिससे महिलाओं को उनकी गर्भधारण योजना में मदद मिलेगी। सभी राज्यों के स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, जिसमें राज्यों तथा जिला स्तर के डॉक्टर और स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया।
गर्भ निरोधकों की आपूर्ति और वितरण में सुधार लाने के लिए मंत्रालय ने हाल में ही एक नए सॉफ्टवेयर फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक्स इंफॉर्मेशन सिस्टम (एफपी-एलएमआईएस) की शुरुआत की है, जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं तथा गर्भ निरोधकों के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की गई है।
इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने एक केंद्रीय परिवार नियोजन पहल- मिशन परिवार विकास की भी शुरुआत की है। इस पहल का प्रमुख लक्ष्य बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना तथा गर्भनिरोधकों तक पहुंच में सुधार करना, सुरक्षा सुनिश्चित करना और उच्च गुणवत्ता वाले परिवार नियोजन सेवाओं को बेहतर बनाना है।
यह मिशन देश के उच्चतम प्रजनन दर वाले 146 जिलों में लागू किया जा रहा है। ये जिले उच्च प्रजनन दर वाले इन सात राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम में शामिल हैं, जिनका देश की आबादी में 44% योगदान है।
मिशन परिवार विकास परिवार नियोजन पहल का मुख्य उद्देश्य 2025 तक कुल प्रजनन दर को 2.1 तक नीचे लाने का है।
अपने निरंतर परिवार नियोजन प्रयासों के माध्यम से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का उद्देश्य आधुनिक गर्भनिरोधकों के उपयोग को बढ़ाने के माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है।
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