नई दिल्ली: कौशल प्रशिक्षण में गति लाने के उद्देश्य से केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां स्मार्ट शहरों में कौशल प्रशिक्षण के लिए एनडीएमसी के सहयोग से भारत के पहले प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके) का उद्घाटन किया। दोनों मंत्रियों ने नई दिल्ली के मोतीबाग में कौशल विकास केंद्र और धरम मार्ग में उत्कृष्टता केंद्र की आधाशिलाएं भी रखीं।
सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में परस्पर सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से शहरी मामले और आवास मंत्रालय तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने नए कौशल विकास केंद्रों की स्थापना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के विभाग राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एमएसडीसी) ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद स्मार्ट सिटी लिमिटेड (एनडीएमसीएससीएल) के साथ समझौता किया है। इस समझौते का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को अल्प-अवधि प्रशिक्षण प्रदान करना है। प्राथमिक शिक्षण कार्यक्रम के तहत इससे नगरपालिका कर्मियों की क्षमता विकास में भी सहायता मिलेगी।
इस कार्यक्रम में संसद सदस्य (लोकसभा) श्रीमती मीनाक्षी लेखी, एनडीएमसी के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार, एनडीएमीसी के उपाध्यक्ष श्री करण सिंह तंवर, विधायक व एनडीएमसी के सदस्य श्री सुरेंद्र सिंह और मंत्रालयों व विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
कौशल विकास केंद्रों का उद्घाटन करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत एक युवा देश है और यह अपनी भौगोलिक अवस्थिति के फायदों के आधार पर एक महाशक्ति बनेगा तथा 2030 तक दुनिया के तीन सर्वश्रेष्ठ देशों में एक होगा। इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए हमें युवाओं में निवेश करना होगा और उन्हें कौशल प्रदान करना होगा।’ श्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ‘एक कौशल प्राप्त व्यक्ति अपने कठिन परिश्रम के कारण सम्मान, पहचान और प्रतिष्ठा पाता है। मुझे पूरा विश्वास है कि ये प्रशिक्षण केंद्र युवाओं को प्रशिक्षण प्राप्त करने को लेकर प्रेरित करेंगे, जिससे वे स्वाबलंबी बन सकेंगे।’
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘देश में समावेशी और सतत विकास के लिए परस्पर सहयोग की आवश्यकता है। आज का कार्यक्रम प्रधानमंत्री की दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं- कौशल भारत मिशन और स्मार्ट शहर मिशन- के एकीकरण और आपसी तालमेल को दर्शाता है। किसी भी छोटी या बड़ी परियोजना के प्रभावी विकास के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कार्यबल की आवश्यकता होती है। हमारा लक्ष्य है कि कौशल विकास के माध्यम से इस कार्यबल को मान्यता और सम्मान प्राप्त हो।’
कार्यक्रम की विशेष अतिथि संसद सदस्य (लोकसभा) श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘मैं समानता आधारित विकास के लिए दोनों मंत्रालयों तथा नोडल एजेंसियों (एनएसडीसी तथा एनडीएमसी) के प्रयासों की सराहना करती हूं। मुझे विश्वास है कि युवाओं की इन केंद्रों तक पहुंच होगी और ये केंद्र उन्हें गुणवत्ता युक्त कौशल प्रदान करेंगे, जिससे अंतत: देश में स्मार्ट शहरों के निर्माण में सहायता मिलेगी।’
एनडीएमसी के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार ने कहा, ‘विकसित भारत के संदर्भ में राष्ट्रीय कौशल मिशन एक मील का पत्थर साबित होगा। एनडीएमसी समावेशी विकास को समर्थन देता है। प्रशिक्षण के लिए उच्चस्तरीय मानकों का प्रयोग किया जाता है। इस मिशन को प्राप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
नया प्रधानमंत्री कौशल केंद्र, एनडीएमसी की अवसंरचना का उपयोग करेगा। नई दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित इस विरासत भवन का क्षेत्रफल 30,000 वर्ग फीट है। इसकी क्षमता एक वर्ष में 4,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने की है। यह केंद्र स्वास्थ्य और सौर ऊर्जा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा। इस केंद्र का संचालन एनएसडीसी की सहयोगी इकाई ओरियन एडोटेक के द्वारा किया जाएगा, जिसे पूरे देश में फैले 275 कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से 3 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने का अनुभव है। इस अवसर पर श्नेडर इलेक्ट्रिक द्वारा निर्मित सौर ऊर्जा प्रयोगशाला का भी उद्घाटन किया गया।’