नई दिल्ली: एक बार फिर स्वच्छ भारत अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए कल से पूरे देश में अभूतपूर्व स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा, जो 15 दिन चलेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत अभियान की तीसरी वर्षगांठ से पहले आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने 15 सितंबर से 2 अक्टूबर 2017 तक के राष्ट्र व्यापी स्वच्छता अभियान को “स्वच्छता ही सेवा” नाम दिया है। यह कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान का आयोजन करने वाले पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा संयोजित किया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में योगदान के लिए लोगों तैयार करना और स्वच्छता के लिए जन-आंदोलन को सुदृढ़ करना है। स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत हर वर्ग के लोग बड़े पैमाने पर स्वच्छता और शौचायलों के निर्माण के लिए श्रम दान करेंगे तथा अपने वातावरण को खुले में शौच से मुक्त करेंगे। इस दौरान सार्वजनिक और पर्यटन स्थलों की सफाई का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान में राष्ट्रपति से लेकर आम नागरिक शामिल होंगे तथा अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, ख्याति प्राप्त विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, मशहूर व्यक्ति, धार्मिक नेता और कॉरपोरेट जगत की हस्तियां शामिल होंगी।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने सभी वर्गों के लोगों को शामिल कर इस अभियान को अभूतपूर्व जन आंदोलन बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर विस्तृत योजना तैयार की है। इस अभियान की विशेषता गरीबों और वंचितों तक पहुंच कर उन्हें स्थाई स्वच्छता सेवाएं उपलब्ध कराना होगा।
इस अभियान का शुभारंभ राष्ट्रपति 15 सितंबर, 2017 को कानपुर के खुले में शौच से मुक्त गांव ईश्वरीगंज से करेंगे। राष्ट्रपति संपूर्ण देश को “स्वच्छता ही सेवा” की शपथ दिलाएंगे जिसके बाद देश के 250,000 से अधिक ग्राम पंचायतों और शहरों में कार्यक्रम शुरू होंगे। अभियान के शुभांरभ के अवसर पर केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाइक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन करने वाले समाज के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 7 व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।
सभी राज्यों और जिलों में “स्वच्छता ही सेवा” अभियान की औपचारिक शुरुआत करने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिसमें सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और जिलाधीश शामिल होंगे। इसके साथ ही पंचायतों और अन्य स्थानों पर शपथ ली जाएगी और श्रमदान किए जाएंगे।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने इस अभियान अवधि के दौरान विशेष तिथियां चिन्हित की है, जिसमें 17 सितंबर, 24 सितंबर और 1 अक्तूबर को पड़ने वाले तीन रविवार शामिल हैं। इन तिथियों पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में शौचालय निर्माण, सार्वजनिक स्थानों की सफाई, बस स्टैंड, स्कूल और कॉलेजों, मूर्तियों, अस्पतालों और तालाबों की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर श्रमदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। 15 चिन्हित पर्यटन स्थलों पर 1 अक्टूबर 2017 को विशेष स्वच्छता अभियान चलाए जाने की योजना बनाई गई है।
उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू 17 सितंबर 2017 ‘सेवा दिवस’ के अवसर पर कर्नाटक के एक गांव का दौरा करेंगे और शौचालयों के निर्माण तथा सफाई कार्य के लिए श्रमदान करेंगे। इस दिन देश के दूसरे हिस्सों में भी बड़ी संख्या में केन्द्रीय मंत्री, सांसद और विधायक भी श्रमदान करेंगे।
17 सितंबर को सेवा दिवस के अवसर पर शौचालयों के इस्तेमाल के संदेश को ज्यादा-से-ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सुबह 11 बजे से दूरदर्शन पर “टायलेट : एक प्रेम कथा” फिल्म का प्रसारण किया। लोगों के व्यवहार सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए इस फिल्म को सामुदायिक स्तर पर प्रसारित किया जाएगा। कई मीडिया हाउस स्वच्छता के विशेष अभियान के इस पखवाड़े के दौरान स्वेच्छा से विशेष अभियान चलाने के लिए आगे आए हैं।
इस अभियान के अंत में 2 अक्टूबर गांधी जयंती, जो कि स्वच्छ भारत दिवस भी है, के अवसर पर देश भर और सभी वर्गों के स्वच्छता चैम्पियनों को निबंध, फिल्म और चित्रकला के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और अन्य स्वच्छ भारत पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
इस पखवाड़े से पहले पूरे देश में निबंध, लघु फिल्म और पेंटिंग प्रतियोगिता, विशेष रूप से स्कूलों, युवा संगठनों, केंद्रीय पुलिस बलों और सामान्य नागरिकों के लिए आयोजित किए गये थे।
मंत्रालय ने इसके लिए एक विशेष पोर्टल और वेब पेज MyGov.in भी तैयार किया है, जहां आम लोग अपने श्रमदान और अन्य कार्यों की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं।