लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने ओड़िशा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति समृद्ध है और विविध भाषाओं के होने के बाद भी भारत में एकता के जो दर्शन होते हैं, वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति लोगों को शान्ति प्रदान करती है। ओड़िशा में जगन्नाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। यहां की रथ यात्रा हम सभी को जोड़ने का काम करती है। विभिन्न समाजों के मेलजोल से विकास को गति मिलती है। उद्योग व व्यापार में भी प्रगति होती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को हम तभी साकार कर सकते हैं, जब सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से हमें एक-दूसरे को जानने का अवसर प्राप्त हो। हमारा देश सांस्कृतिक रूप से एक है, जिसकी एक सांझी विरासत है। उन्होंने कहा कि ओड़िशा राज्य की स्थापना 01 अप्रैल, 1936 को हुई थी। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश की स्थापना आजादी के बाद 24 जनवरी, 1950 को हुई थी। राज्यपाल जी की प्रेरणा से आजादी के बाद इस वर्ष पहली बार यहां अपना यू0पी0 स्थापना दिवस मनाया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत को एक बनाने में हर राज्य का महत्वपूर्ण योगदान है। ओड़िशा समृद्ध परम्परा के साथ जुड़ा एक महत्वपूर्ण राज्य है। चार धामों में जगन्नाथपुरी यहीं पर स्थित है। यहां जगन्नाथ की रथ यात्रा हम सभी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने ओड़िशा समाज हेतु लखनऊ में जगन्नाथ मंदिर की स्थापना के लिए हर सम्भव मदद देने का आश्वासन भी दिया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव पर्यटन एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि ओड़िशा राज्य से अपने जुड़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि ओड़िशा पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों के आदान-प्रदान से एकता को बल मिलता है। ओड़िया समाज, लखनऊ के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आई0ए0एस0 श्री गोपबन्धु पटनायक ने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं गतिविधियों की जानकारी दी।
इस मौके पर एक स्मारिका ‘निर्माल्य’ व अयोध्या पंचांग का भी विमोचन किया गया। इससे पूर्व, कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में सचिव संस्कृति श्री जगतराज, ओड़िया समाज के उपाध्यक्ष श्री एस0के0 चैधरी, सचिव श्री डी0आर0 साहू, मलेशिया से आये कलाकार पद्मश्री श्री रामली इब्राहिम एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।