देहरादून: राजभवन का एनर्जी आॅडिट किया जा रहा है। इसके तहत मेथेमेटिकल केलकुलेशन किया गया है कि यहाँ कितनी एनर्जी का उपभोग किया जा रहा है। उसका कितना कार्बन फुटप्रिन्ट बनता है। इसी के अनुसार राजभवन परिसर में वृक्षारोपण किया जा रहा है। आज लगभग 50 पौधे लगाए गए हैं। जबकि जुलाई माह में 300 और भी पौधे लगाए जाएंगे। बुधवार को हरेला पर्व के तहत राजभवन परिसर में वृक्षारोपण करते हुए राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने यह जानकारी दी।
हरेला पर्व के तहत राजभवन परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 50 पौधे लगाए गए। राज्यपाल ने आम की कलर प्रजाति का पौधा लगाया। राज्यपाल ने कहा कि हरेला के सांस्कृतिक पक्ष के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। प्रयास यही है कि ज्यादा से ज्यादा हरियाली हो जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहे। उत्तराखण्ड में ही चिपको आंदोलन से वृक्षों की रक्षा का जनअभियान शुरू किया गया था। ये बहुत महत्वपूर्ण है कि उत्तराखण्ड, पर्यावरण संरक्षण के लिए आज भी देश को एक सही दिशा दिखा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि हमने राजभवन में एक एनर्जी आॅडिट किया है। हमने ये देखा है कि हम राजभवन में बिजली, एयर कंडीशन आदि की वजह से कितनी एनर्जी का उपभोग कर रहे हैं। उसका कितना कार्बन फुट प्रिन्ट बनता है। इसको संतुलित करने के लिए कितने पेड़ लगाने चाहिए। इसका एक गणितीय आंकलन किया गया है। इसीलिए आज 50 पेड़ लगाए गए हैं। जुलाई माह में ही 300 और पेड़ राजभवन में लगाए जाएंगे। लगाए गए पेड़ों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।