हरे धनिया की पत्तियां और बीज दोनों ही खाने का स्वाद बढ़ा देते हैं| यह रसोईघर में प्रयोग होने वाले मसालों में से एक है हरे धनिये में जीरा, पोदीना, नींबू का रस आदि मिलाकर स्वादिष्ट बनाकर सेवन करने से अरुचि बंद हो जाती है इससे भूख खुलकर लगती है और पाचन क्रिया भोजन पचाने की क्रिया तेज हो जाती है और होठों के पट जाने पर धनिया, राल, गेरू, मोम, घी और सेंधा नमक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर और छानकर लेप करने से फटे हुए होठ ठीक हो जाते है अगर मूत्र में जलन हो रही है तो यदि तेज प्यास, पेट, शरीर या मूत्र में कहीं जलन हो तो 15 ग्राम धनिये को रात को भिगो दें। सुबह के समय उसे ठंडाई की तरह पीसकर मिश्री डालकर सेवन करें। इस प्रयोग से दिल की तेज धड़कन सामान्य हो जाती है। धनिया और आंवला रात में भिगोकर सुबह के समय मसलकर पीने से मूत्र की जलन दूर हो जाती है
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धनिया की पत्तियां के लाभ
*हरे धनिये की पत्तियों को सब्जी में डालकर सेवन करने से रक्त विकार नष्ट होते हैं।
*इससे भूख खुलकर लगती है और पाचन क्रिया और भोजन पचाने की क्रिया तेज हो जाती है।
*यह मन को खुश करता है
*आंखों के लिए हरा धनिया बहुत ही गुणकारी होता है
*धनिया, वात, पित्त और कफ विकारों में लाभ पहुंचाता है
*यह वीर्य और पाचन शक्ति को विकसित करता है
*दिमाग की गर्मी को कम करता है
*पागलपन के लिए लाभदायक है
*धातु वीर्य दोषों को खत्म करती है
*नींद ज्यादा आती है
*इसके काढ़े से कुल्ला करने से मुंह में दाने नहीं होते हैं।
*धनिये के सेवन से पेशाब खुलकर आता है।
*दमा, खांसी में धनिया बहुत ही गुणकारी होता है
*यह शरीर की कमजोरी को नष्ट करने के साथ ही आंतों के कीड़ों को भी दूर करता है