वॉशिंगटन: अमेरिका के हवाई प्रांत में गलती से मिसाइल चेतावनी अलर्ट जारी हो गया जिसके बाद वहां अफरा तफरी का माहौल हो गया हालांकि बाद में अधिकारियों ने इसे गलती से चला हुआ संदेश बताया.स्थानीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजकर सात मिनट पर सभी लोगों के मोबाइल फोन पर एक आपातकालीन अलर्ट, “हवाई में बैलिस्टिक मिसाइल का खतरा.
तात्काल आश्रय स्थल खोज लें. यह ड्रिल नहीं है” का संदेश आया.इस चेतावनी के जारी होने के 10 मिनट बाद हवाई आपातकालीन प्रबंधन एंजेंसी ने ट्वीट करते हुए लोगों को सूचित किया, “ हवाई पर कोई मिसाइल खतरा नहीं है.” दूसरा आपातकालीन अलर्ट आठ बजकर 45 मिनट पर चलाया गया.
इस अलर्ट में कहा गया, “ हवाई प्रांत पर मिसाइल की कोई चेतावनी या खतरा नहीं है. यह एक गलत चेतावनी थी.” इसके बाद अमेरिका पैसेफिक कमान ने भी अलग से एक बयान जारी करके कहा कि हवाई पर कोई मिसाइल खतरा नहीं हैं और पहले वाली चेतावनी गलती से जारी हो गई थी.वहीं, व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव लिंड्से वॉल्टर्स ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हवाई की आपात प्रबंधन अभ्यास के बारे में बता दिया गया है.
इससे पहले दिसंबर माह में उत्तर कोरिया की ओर से संभावित परमाणु हमले की स्थिति में पर्यटकों और नागरिकों को तैयार करने की कोशिश में सायरन बजाया गया. हवाई के आपातकालीन प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि यह राज्य पहला है जहां शीत युद्ध के काल की चेतावनी प्रणाली का फिर से इस्तेमाल किया गया.
सूनामी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए धीमे अलर्ट का टेस्ट करने के बाद एक मिनट के लिए सायरन बजा. हवाई के नागरिक सूनामी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए सायरन सुनने के आदी हैं.
उत्तर कोरिया द्वारा अपने सबसे ताकतवर मिसाइल का परीक्षण किए जाने के दो दिन बाद देश की शानदार तकनीकी उपलब्धि की तस्वीर साफ साफ सामने आ गई है और इसके साथ ही यह सवाल उठ रहा है कि क्या इससे अमेरिका को खतरा हो सकता है. हालांकि इस बारे में कई सवाल बाकी हैं, लेकिन सरकार ने इस बात से सहमति जताई है कि ताकतवर ह्वासोंग-15 आईसीबीएम कोरिया के लिए एक मील का पत्थर है, और यह उत्तर कोरिया को परमाणु आधारित लंबी दूरी की मिसाइलों के एक व्यवहार्य शस्त्रागार के लक्ष्य के बहुत करीब पहुंचा देगा.
उत्तर कोरिया ने द्विस्तरीय तरल ईंधन वाले मिसाइल का किया परीक्षण
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (1 दिसंबर) को सांसदों को पेश एक रिपोर्ट में बताया कि उत्तर कोरिया ने बुधवार (29 नवंबर) को द्विस्तरीय तरल ईंधन वाले मिसाइल का परीक्षण किया था. यह मिसाइल 13 हजार किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है और इस वजह से अमेरिका इसकी जद में आ सकता है.
आईसीबीएम, द ह्वासोंग-14 से बड़ा है
मंत्रालय ने बताया कि यह मिसाइल उत्तर कोरिया के पहले के आईसीबीएम, द ह्वासोंग-14 से बड़ा है और यह बड़ा आयुध ले जाने में सक्षम है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ह्वासोंग-15 के परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया के उस दावे की पुष्टि हो गई है कि नया मिसाइल ‘‘बहुत बड़े और भारी परमाणु हथियार’’ ले जा सकता है.
Sources: Zee news