देहरादून: हिमगिरी ज़ी विश्वविद्यालय मैं सत्त विकास पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ। उर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत एवं जलवायु परिर्वतन के मुद्दों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इस सेमिनार मैं कुल मिलाकर 20 शोधकर्ताओं ने अपने शोधपन्नों को प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न कोनों से कुल मिलाकर 70 एब्सट्रैक्ट भेजे गए। ये सभी एब्सट्रैक्ट विश्वविद्यालय के सेमिनार पुस्तिका मैं प्रकाशित किये गये।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 राकेश रंजन ने सेमिनार की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर की। अपने भाषण मैं उन्होंने कहा कि अब दुनिया भर मैं प्रकृति के संवर्धन और संरक्षण से बात अब उसे बचाने की हो रही है। मानव सभ्यता के लिये यह एक महत्वपूर्ण समय है और हर स्तर पर नागरिकों को सत्त विकास के लिये आगे आना होगा। उर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों कि दिशा मैं कदम रखते हुए हिमगिरी ज़ी विश्वविद्यालय आगामी महीनों मैं सोलर उर्जा के माध्यम से अपनी उर्जा मांग को पूरा करेगा, और इसके लिए विश्वविद्यालय 100 किलोवाट उर्जा के सोलर पैनल लगाएगा, उन्होंने यह भी एैलान किया। उन्होेंने नोजवानों से प्रकृति के लिये के अपूरणीय योगदान देने का आह्वान किया।
सेमिनार की सलाहकार समिति के सदस्य डा0 शरद पांडे, सैफुल्लाह ख़ालिद, राकेश आर्या और सुधीर देवली उपस्थित थे।
सेमिनार मैं पर्यावरण बनाम विकास पर विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के बीच वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इस प्रतियोगिता मैं औद्यौगिकरण, और प्राकृतिक संसाधनों के अंधा धुंध दोहन पर विमर्श किया गया। प्रतियोगिता मैं मास कम्युनिकेशन की छात्रा प्रीति स्वराज को प्रथम, फारेस्ट्री विभाग की छात्रा सुगम को द्वितीय पुरूस्कार एवं इंजीनियरिंग डिर्पाअमैंट के शोधर्थी मुकेश वर्मा को प्राप्त हुआ।
सेमिनार मैं अम्बाला, मुंबई, चंडीगढ, और भारत के अन्य कई बड़े शहरों से आये शोधकर्ताओं ने शोधपन्नों को प्रस्तुत किया।
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने बतौर स्वयंसेवी सेमिनार को सफल बनाने मैं सराहनीय प्रयास किये। इस सेमिनार को विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग ने आयोजित किया। आयोजन समिति के प्रमुख अमित कुमार, पुष्पेन्द्र वर्मा एवं सत्येन छेत्री ने सभी स्वयंसेवीयों का धन्यवाद किया।
आयोजन समिति मैं दीपक चंदोला, आशीष ध्यानी, शालिनी नौगांई , जया नेगी वर्मा, मनीष थपलियाल, पंकज मैठाणी, आशीष ध्यानी और हरीश रावत इत्यादि मौजूद थे।