देहरादून: मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में हिमोत्थान परियोजना के राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। कहा कि हिमोत्थान सोसाइटी को मृदा परीक्षण कर किसानों को हेल्थ कार्ड भी देना चाहिए। किसानों को बताया जाय कि किस मिट्टी में कौनसी फसल का उत्पादन हो सकता है। आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही कौशल विकास पर भी फोकस करने की जरूरत है। उत्तराखंड के उत्पादों का एक ही ब्रांड नेम होना चाहिए। इससे उत्तराखंड की पहचान बनेगी।
बैठक में बताया गया कि हिमोत्थान जल स्रोतों की मैपिंग और सूख रहे स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए 300 गांवों में कार्य कर रहा है। इसके साथ ही अपने फेडरेशन के माध्यम से जल की गुणवत्ता पर भी कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि विभिन्न कृषि उत्पादों के बीज का उत्पादन भी किया जा रहा है। इस वर्ष 300 क्विंटल बीज का उत्पादन कर किसानों को वितरित किया गया है। इससे फसल का उत्पादन बढ़ा है। हिमोत्थान सोसाइटी ग्राम्य विकास, कृषि, वानिकी, पशुपालन, शिक्षा, डेरी आदि विभागों और विशेषज्ञ संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। बताया गया कि 10 पर्वतीय जनपदों में 35 क्लस्टर के माध्यम से 650 गांवों में कार्य किया जा रहा है। इससे 63000 लोगों को लाभ मिल रहा है। 18000 घरों के लिए 10 फसलों के उत्पादन और बाजार लिंकेज का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2018 से 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मिशन मोड में कार्य करने की योजना बनाई गई है। पशुओं को चारा उपलब्ध कराने के लिए 1100 हैक्टर जमीन पर उत्पादन किया जा रहा है। इससे 500 गांवों के 25000 परिवारों को लाभ मिल रहा है। 100 गांवों में 12 क्लस्टर बनाकर 2000 पशुपालकों को बकरी पालन का लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा स्वरोजगार, शिक्षाए, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, कौशल विकास की दिशा में भी कार्य किया जा रहा
बैठक में अध्यक्ष हिमोत्थान सोसाइटी श्रीमती विभा पूरी दास, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती मनीषा पंवार, अपर सचिव श्री युगल किशोर पंत, एमडी वन निगम श्री एस.टी.एस.लेप्चा, हिमोत्थान के श्री अरूण पांधी, प्रोफेसर श्री बी.के.जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।