नई दिल्लीः होटल वर्गीकरण मार्गदर्शन नियमों को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए व्यवस्थित किया गया है।
शुल्कों के वर्गीकरण और भुगतान के लिए आवेदनों को केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बनाया गया है और डाक द्वारा आवेदन करने और डिमांड ड्राफ्ट द्वारा शुल्कों के भुगतान विकल्पों को समाप्त कर दिया गया है। इससे मानवीय हस्तक्षेप के कारण संभावित विलंब/चालाकी को समाप्त कर दिया गया है।
इसी प्रकार किसी होटल की कमियों को दूर करना सुनिश्चित करने के लिए समयसीमा को निर्धारित किया गया है। कमियों को दूर करने की वर्तमान प्रणाली में कोई निर्धारित समयसीमा नहीं थी। वर्तमान संशोधनों में तीन महीने की समयसीमा को शामिल किया गया है। इस प्रकार इस मामले में किसी भी प्रकार के अधिकार को हटा दिया गया है। इससे समयबद्ध अनुपालन और मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित होगा।
संशोधनों में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी अस्पष्टता को दूर करने के लिए शराब की बार से अलग होटल परिसर में शराब की दुकानों/शराब के भंडारों पर ‘शराब के साथ’ स्टार होटल श्रेणी में वर्गीकरण के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
सभी श्रेणियों के अंतर्गत सभी होटलों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपनी वर्गीकरण स्थिति को स्वागत काउंटर पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें और ओपनिंग पेज पर एक अलग आईकॉन के रूप में वेबसाइटों पर भी डालें, जिसमें पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी वर्गीकरण आदेश को भी प्रदर्शित किया जाएं।
संशोधनों में वर्गीकरण को पूरा करने के लिए विस्तृत समयसीमा को भी शामिल किया गया है। प्रत्येक मामले में अपेक्षित दस्तावेजों और प्रक्रियाओं को पूरा करने वाले वर्गीकरण को 90 दिन में पूरा कर दिया जाएगा। प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा (जैसे निरीक्षण, निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करना, कमियों के मामले में कमियां दूर करने की रिपोर्ट प्रस्तुत करना, सक्षम प्राधिकारी की अनुमति और वर्गीकरण पत्र प्रस्तुत करना) निर्धारित की गई है ताकि जिन मामलों में कोई कमी या अनुपालन का मुद्दा शामिल नहीं है ऐसे सभी मामले आवेदन प्राप्त होने की तारीख से 90 दिन में वर्गीकृत किए जा सकें।